हरिद्वार, दिव्या टाइम्स इंडिया।नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने कर्ज में डूबी रोल्टा इंडिया लिमिटेड के लिए दोबारा बोली लगाने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के लिए ऑफर का रास्ता खुल गया है। आपको बता दें कि रोल्टा इंडिया को खरीदने में रामदेव की पतंजलि ने दिलचस्पी दिखाई है।

एक आदेश में दो न्यायमूर्ति प्रभात कुमार, वीरेंद्र सिंह बिष्ट की पीठ ने कहा- पतंजलि के साथ-साथ अन्य सभी आवेदकों जिन्होंने बोलियां जमा की हैं, उन्हें अपनी बोलियां संशोधित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह पीठ ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) को आवेदक की समाधान योजना पर विचार करने की अनुमति देती है। अदालत ने कहा कि यह सबसे अच्छा है कि रुचि व्यक्त करने वाले सभी आवेदकों को एक अवसर दिया जाए। बता दें कि पुणे स्थित एशडन प्रॉपर्टीज की 760 करोड़ रुपये की पेशकश को बैंकों द्वारा सबसे अधिक बोली लगाई गई। यह घोषित किए जाने के कुछ ही दिनों बाद पतंजलि ने 830 करोड़ रुपये की पूरी तरह से नकद पेशकश की है।

रोल्टा पर कितना कर्ज

रोल्टा एक रक्षा केंद्रित सॉफ्टवेयर कंपनी है जिसे जनवरी 2023 में दिवालियापन प्रक्रिया में शामिल किया गया था। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक यूनियन का 7,100 करोड़ रुपये और सिटीग्रुप के नेतृत्व वाले असुरक्षित विदेशी बांड धारकों का 6,699 करोड़ रुपये बकाया है। इस तरह कंपनी पर कुल कर्ज करीब 14,000 करोड़ रुपये है।

कई बड़े दावेदार

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोल्टा की दिवालिया प्रक्रिया को 500 करोड़ रुपये से 700 करोड़ रुपये के बीच की नौ बोलियां मिली थीं। अन्य बोलीदाताओं में साइफ्यूचर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जय कॉर्प, रश्मि मेटल्स लिमिटेड, यूनाइटेड बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड, रियल वैल्यू इन्फोटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, स्क्वायर फोर हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, क्वांट एफिशिएंट लिमिटेड और यश शेयर्स लिमिटेड शामिल हैं।

By DTI