देहरादून, 04 नवम्बर 2025। हर्षिता। उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विस्तृत परिचर्चा में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य गठन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, अब तक की विकास यात्रा और भविष्य की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण जनता के संघर्ष और बलिदान की परिणति है, जिसे आगे बढ़ाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से आज उत्तराखंड तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि “हमारी प्राथमिकता जनकल्याण, रोजगार, पर्यटन, उद्योग और स्वरोजगार के क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन करना है।”

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय जब उत्तराखंड का गठन हुआ, तब केंद्र ने राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के विकास की नींव पड़ी।
उन्होंने विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोश्यारी के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं, पर्यटन विकास, औद्योगिक विस्तार और आर्थिक सुधारों का नया दौर शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि डॉ. आर्य, भुवन चंद्र खंडूड़ी, विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत तथा हरीश रावत जैसे सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने कार्यकाल में राज्य की प्रगति के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क संपर्क, पर्यटन और निवेश के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमने ‘सशक्त उत्तराखंड—समृद्ध उत्तराखंड’ का जो संकल्प लिया है, उसे धरातल पर उतारने के लिए सरकार पूरी निष्ठा से काम कर रही है।”
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदन के सदस्यों से अपील की कि वे राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर राज्य के हित में रचनात्मक सुझाव दें। उन्होंने कहा कि “राज्य स्थापना की भावना यह थी कि छोटे राज्य के रूप में हम जनता की अपेक्षाओं पर अधिक प्रभावी ढंग से खरे उतरें, और अब समय है उस भावना को नए युग में साकार करने का।”
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने जानकारी दी कि विशेष सत्र को चर्चा के लिए एक दिन और बढ़ाया गया है। अब बुधवार को सरकार सदन में उठाए गए सभी मुद्दों पर अपना जवाब प्रस्तुत करेगी।
