चमोली, डी टी आई न्यूज़।चार साल से स्कूल जा रहे आठ साल के आरव को एक सप्ताह से स्कूल प्रशासन गेट से ही लौटा दे रहा है। इससे मायूस होकर आरव गेट से ही बेरंग घर लौट आता है। दरअसल, आरव के पिता और विद्यालय प्रबंधन के बीच कुछ विवाद हुआ है, जिसका खामियाजा आरव उठा रहा है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने कहा कि अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन के बीच विवाद में बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने प्रधानाचार्य को आरव को शीघ्र दाखिला देने के निर्देश दिए हैं। कोठियालसैंण में संचालित क्राइस्ट एकेडमी विद्यालय में वर्ष 2013 में स्थानीय निवासी जसवीर सिंह की बस चालक के पद पर तैनाती हुई थी। उनका पुत्र आरव इसी स्कूल में पढ़ता है।
वर्ष 2018 के बाद कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने के कारण जसवीर सिंह भी विद्यालय नहीं आया। उसके बाद जसवीर और विद्यालय प्रबंधन के बीच पीएफ (प्रोविडेंट फंड) को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद अभी तक भी नहीं सुलझ पाया है।
इधर, इस वर्ष आरव को तीसरी कक्षा में प्रवेश लेना था, लेकिन विवाद के चलते उसका अभी तक दाखिला भी नहीं हो पाया है। आरव के पिता जसवीर सिंह ने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन की ओर से आरव को स्कूल गेट के भीतर भी नहीं आने दिया जा रहा है।
स्कूल के प्रधानाचार्य फादर अल्बर्ट ने कहा कि जसवीर सिंह 2013 से विद्यालय में बस चालक के पद पर तैनात थे। 2018 में उन्होंने स्वयं नौकरी छोड़ी। बस ड्राइविंग में भी उनकी ओर से लापरवाही बरती गई। दो साल से उसके बच्चे का नियमित दाखिला विद्यालय में नहीं है। इसके लिए उन्हें तीन नोटिस भी भेजे गए हैं। एडमिशन फीस जमा करने पर बच्चे को दाखिला दे दिया जाएगा।
जसवीर के पीएफ के भुगतान की कार्रवाई चल रही है। आगे प्रशासन व विद्यालय के उच्च प्रबंधन से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।कुलदीप गैरोला, सीईओ, गोपेश्वर, चमोली ने कहा कि प्रधानाचार्य को बच्चे को शीघ्र दाखिला देने के लिए कह दिया गया है। जल्द ही विभागीय टीम भी विद्यालय का दौरा करेगी। हालांकि, अब तक इस संबंध में शिक्षा विभाग को किसी की ओर से कोई लिखित व मौखिक सूचना नहीं मिली है। आरव के पिता जसवीर सिंह का कहना है कि आरव नर्सरी से इसी विद्यालय में पढ़ रहा है। प्रत्येक कक्षा में विद्यालय में पूरी फीस भरी गई। मेरे द्वारा पीएफ की मांग की गई, तो विद्यालय प्रबंधन की ओर से आनाकानी की जा रही है। बच्चे को भी विद्यालय के भीतर नहीं आने दिया जा रहा है। प्रत्येक साल एडमिशन फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। इस बार मेरे पास पर्याप्त धनराशि नहीं है। यदि पीएफ का भुगतान और बच्चे को तीसरी कक्षा में दाखिला नहीं दिया गया तो गेट पर ही धरना शुरू कर दिया जाएगा।