हरिद्वार, हर्षिता
🎉 जन्मदिन अगर यादगार बनाना हो, तो उसे ज़मीन से नहीं, आसमान से जोड़ो! यही किया गुरुग्राम की 14 वर्षीय काव्या यादव ने — जब उसने अपने 14वें जन्मदिन पर पावर्ड पैराग्लाइडिंग करते हुए केक काटा और आसमान में भर दी उड़ानें।
🧒🏻 काव्या, जो दिल्ली पब्लिक स्कूल, सुशांत लोक में कक्षा 9वीं की छात्रा है, रोमांच से भरपूर ट्रैकिंग, राफ्टिंग और अब पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों की दीवानी है। लेकिन इस बार जन्मदिन सिर्फ एक पार्टी नहीं था — यह था एक एयरबोर्न एडवेंचर।
👨✈️ पिता बने पंखों की ताकत
काव्या की इस उड़ान को संभव बनाया उनके पिता नरेंद्र यादव ने, जो स्वयं एक पूर्व विमान इंजीनियर, CPL धारक पायलट, और अब एक अनुभवी एयर एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्सपर्ट हैं।
उन्होंने बेटी के इस सपने को सिर्फ सुना नहीं, बल्कि खुद उसके साथ उड़ान भी भरी — हरिद्वार के श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र में पावर्ड पैराग्लाइडिंग करवाई।
🪂 “उड़ान सिर्फ पंखों से नहीं, हौसलों से मिलती है…” ये बात काव्या ने सच कर दिखाई।
🌈 बारिश ने बदली तारीख, लेकिन नहीं बदला जोश!
हालांकि काव्या का जन्मदिन 4 जुलाई को है, लेकिन बारिश के कारण एडवेंचर में बाधा आ सकती थी। इसलिए उसने पहले ही दिन तय किया — “जन्मदिन मनाना है तो खुले आसमान में!”
उड़ते वक्त उसके चेहरे पर जो खुशी, आत्मविश्वास और चमक थी — वो खुद एक कहानी कह रही थी। यह सिर्फ एक केक कटिंग सेरेमनी नहीं थी, यह था बेटी के सपनों का उड़ान लेना।
🔖 सिर्फ बेटियां सपने नहीं देखतीं… अब उन्हें उड़ाना भी जानती हैं!
काव्या की ये कहानी उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखती हैं, और उन माता-पिता के लिए उदाहरण, जो उन्हें उड़ने की आज़ादी देते हैं।