दिव्या टाइम्स इंडिया।अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पर ड्रोन शो चल रहा है. दीयों और रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमगाते घाट लोगों का ध्यान खींच रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रामलीला का भी मंचन किया जा रहा है.

अयोध्या में श्रीराम के रथ के सारथी बने सीएम योगी, कहा-आस्था को कोई राजनीति कैद नहीं कर सकती

अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है. सरयू के तट पर पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमान जी अयोध्या पहुंचे. साधु-संतों के साथ मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीपैड स्थल पर उनका भव्य स्वागत किया. इसके बाद उन्हें एक रथ पर बैठाकर सीएम खुद सारथी बन गए. वे रथ खींचते हुए राजतिलक स्थल राम कथा पार्क के मंच पर पहुंचे. यहां भगवान श्रीराम को तिलक लगाया. करीब 5 हजार से अधिक लोग इस खास पल के गवाह बने.

सीएम योगी ने कहा कि आस्था को कोई राजनीति कैद नहीं कर सकती है. प्रभु श्रीराम को काल्पनिक कहने वाले लोग किस-किस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल करते थे. कभी राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा करते थे. यह वही लोग हैं जो कभी एक आक्रांता की कब्र पर जाकर सजदा करते हैं. फिर भारत की आस्था को अपमानित करने में कोई भी कसर नही छोड़ते हैं. इन लोगों ने राम भक्तों पर गोली चलाई, वहां हम अयोध्या में दीप जला रहे हैं.

सीएम ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अयोध्या की पहचान को मिटाकर फैजाबाद बनाया था. वहीं हम लोगों ने यहां की पहचान को अयोध्या के साथ जोड़ करके फिर से अयोध्या धाम बनाया.

‘दीपोत्सव पर प्रदेश जलाए गए एक करोड़ 51 लाख दीये : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर कहा कि साल 2017 से लेकर 2025 तक के इस नौवें वर्ष की गणना की जाए तो प्रदेश के अंदर एक करोड़ 51 लाख दीये इस दीपोत्सव के दौरान जलाए जा रहे हैं. अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान राम की पैड़ी, राम जन्मभूमि, रामघाट और नया घाट, रामघाट क्षेत्र में 26 लाख से अधिक दिए प्रज्वलित किए जा रहे हैं. इसके अलावा मठ-मंदिरों में भी दीप जलाने का कार्य किया जा रहा है. दुनिया भर में अयोध्या आस्था के साथ-साथ टूरिज्म के लिए भी बेहतरीन केंद्र बना है. पहले आने वाले श्रद्धालुओं को अव्यवस्था और गंदगी कंबर दिखाई देता था तो वहीं आज प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक श्रद्धालु अकेले अयोध्या धाम में आ रहे हैं.

सीएम ने कहा कि दीपोत्सव का नया वर्ष मनाया जा रहा है तो वहीं रामलला अपने दिव्य मंदिर में विराजमान है. यह दीप हमें याद दिलाता है कि सदियों तक विदेशी आक्रांताओं ने भारत भूमि को अपवित्र करने के सारे साजिशें कीं. साल 1947 में जब देश आजाद हुआ तब भी हर भारतवासी के मन में एक तमन्ना थी कि राजनीतिक आजादी के साथ-साथ संस्कृतिक आजादी भी प्राप्त होगी. हमारे सभी मान बिंदुओं की भी पुनर्स्थापना का काम होगा, लेकिन अयोध्या को तब भी उपेक्षित कर दिया गया. 1950 से लेकर 1980 तक मंदिर को ताले में बंद किया गया. 1986 तक यह स्थिति बनी रही.

अयोध्या में आज एक के बाद एक करके कई कार्यक्रम हो रहे हैं. सरयू नदी के तट और राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो का आयोजन किया जा रहा है. दीपों और रंग-बिरंगी रोशनियों के साथ दीपोत्सव की धूम मची है.

By DTI