रुड़की,इमरान देशभक्त।।नगर निगम में पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों के एक नहीं अनेकों कारनामे सामने आ रहे हैं।घोटालों से लगातार पर्दे उठ रहे हैं,तो अन्य तमाम खामियां भी प्रकाश में आ रही हैं।ऐसी सनसनीखेज नियम विरुद्ध बातें भी देखने को मिल रही है जोकि एक संजीदा अधिकारी कभी करने की सोच भी नहीं सकता,किन्तु यहां पर पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों ने ऐसा किया है,क्योंकि मौजूदा अधिकारियों के लिए बड़ी ही परेशानी का कारण बनी हुई है।यहां तक कि ठेकेदारों का करोड़ों रुपए अभी फंस गया है,जिसके डूबने की आशंका बनी हुई है।

दरअसल जब नगर निगम रुड़की से नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त का स्थानांतरण हुआ तो उससे पहले शहर के विभिन्न क्षेत्रों के 64 निर्माण कार्यों के वर्क आर्डर जारी हुए।यह वर्क आर्डर उस समय के सहायक नगर आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं,लेकिन इन वर्क आर्डर पर नगर आयुक्त के हस्ताक्षर नहीं है,जोकि नियमानुसार होने चाहिए थे,तभी भुगतान हो सकता है।जब सभी निर्माण कार्य पूरे हो गए और ठेकेदारों ने भुगतान के लिए नगर निगम में पत्रावली दाखिल की तो वहां से उन्हें जानकारी मिली कि जो वर्क आर्डर हुए हैं,उन पर नगर आयुक्त के हस्ताक्षर नहीं है,इसीलिए उनके द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान संभव नहीं है।

इस पर उन्होंने मौजूदा अधिकारियों से वार्तालाप की।नगर निगम के अधिकारियों ने पत्रावली विशेष रुप से वर्क आर्डर चेक किए तो देखा कि उस पर नगर आयुक्त के हस्ताक्षर ही नहीं है।इस पर उन्होंने भुगतान के सवाल पर हाथ खड़े कर दिए।स्थिति को देखते हुए ठेकेदारों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को शिकायत की और उन्हें बताया कि उन्होंने सभी निर्माण कार्य पूरे कर दिए हैं,पर उनका भुगतान नहीं हो रहा है,इससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार ने इस संबंध में नगर निगम रुड़की को आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए,किन्तु तकनीकी दृष्टि से कुछ भी करने में असमर्थ नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल ने इस संबंध में शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा,जिसमें उन्होंने कहा है कि नगर निगम रुड़की द्वारा निगम क्षेत्र अंतर्गत निविदा/कोटेशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के निर्माण विकास कार्य कराए जाते हैं,जिनकी पत्रावलियों का संपादन/संरक्षण नगर निगम रुड़की के निर्माण विभाग से किया जाता है।

विदित हो कि आदर्श आचार संहिता से पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त महोदया का स्थानांतरण नगर निगम रुड़की से हो गया था।इस दौरान पत्रावली का अवलोकन करने के उपरांत पाया गया कि निर्माण संबंधी कुछ पत्रावली पर तत्कालीन नगर आयुक्त महोदया के हस्ताक्षर छूटे हुए हैं।अवर अभियंता के अनुसार मौके पर कार्य पूर्ण हो चुके हैं,परंतु पत्रवालियों पर हस्ताक्षर न होने के कारण भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।ठेकेदारों द्वारा इस संबंध में जिलाधिकारी को शिकायत की गई।जिलाधिकारी द्वारा भुगतान के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।तत्कालीन नगर आयुक्त के छूटे हुए हस्ताक्षर के 64 पत्रावलियों की एक सूची पत्र के साथ संलग्न कर अनुरोध के साथ आपकी सेवा में प्रेषित की जा रही है कि संबंधी पत्रावलियों पर उचित दिशा निर्देश भुगतान की स्वीकृति प्रदान करने की कृपया करें।नगर आयुक्त की ओर से इस संबंध में डीएम हरिद्वार,महापौर रुड़की नगर निगम,निदेशक शहरी विकास निदेशालय उत्तराखंड देहरादून को भी भेजी गई है।अब यहां पर बता दे कि शहरी विकास विभाग की ओर से इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नगर आयुक्त के पास आए नहीं आए हैं,जिस कारण 64 निर्माण कार्यों का भुगतान अटका हुआ है और ठेकेदार बेहद परेशान हैं।करीब छः करोड रुपए का भुगतान यह बताया जा रहा है।अब इसमें कहा जा रहा है कि सहायक नगर आयुक्त द्वारा पूर्व में जो वर्क आर्डर जारी किए गए थे,उसमें उन्होंने अपना तो सब कुछ कर लिया था,लेकिन और के बारे में उन्होंने कुछ नहीं सोचा,इसीलिए पत्रावलियां अधूरी पड़ी हैं।जानकारों का कहना है कि क्योंकि अब यहां पर नगर आयुक्त रही बैक डेट में इन पत्रावलियों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकती और यदि उनके हस्ताक्षर नहीं होते तो भुगतान नहीं हो पाएगा। ऐसे में यह सभी निर्माण कार्य श्रमदान घोषित हो सकते हैं।निदेशालय शहरी विकास की ओर से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं या फिर ठेकेदारों को इस संबंध में हाईकोर्ट का रुख अख्तियार करना पड़ेगा और यदि ऐसा हो गया तो संबंधित अधिकारियों को लेने के देने पड़ जाएंगे।

By DTI