नई दिल्ली ,एजेंसी सुपर अथवा ब्लू मून दो या तीन साल में दिखाई देता है, अंतरिक्ष में कुछ घटनाओं के कारण ब्लू मून की स्थिति बनती है यह साल 2023 का सबसे बड़ा और चमकीला दिखाई देने वाला मून होगा। ब्लू मून का मतलब नीले रंग से नहीं है। दरअसल जब एक महीने में दो फूलमून पड़ते हैं, तो दूसरे मून को ब्लू मून कहते हैं। 30 अगस्त महीने का दूसरा फुल मून है। ब्लू मून सुपरमून है, इसका मतलब है कि यह जब हो रहा है चांद घरती के करीब है और यह यहां से बड़ा और चमकीला दिखेगा। आपको बता दें कि सुपरमून जब होता है जब फूलमून की ऑर्बिट इसे धरती के पास ले आती है।

आपको बता दें कि ब्लू मून की स्थिति के कारण ही मलमास होता है। यानी जब एक अधिक महीना पंचांग के अनुसार होता है तो एक ही महीने में दो फुल मून होते हैं। हर दो या तीन साल में एक अतिरिक्त महीना हो जाता है। इसी को अधिक मास या मलमास कहा जाता है इस साल भी सावन दो महीना का था, इसमें अधिकमास होने के कारण इस बार सावन का महीना दो महीने का था। 30 तारीख को अगस्त की दूसरी पूर्णिमा है। इसी कारण से इस वर्ष ब्लू मून की स्थिति श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को बनने जा रही है। सुपर ब्लू मून की तो 10 वर्ष के बाद दिखाई देता है जो अब 2037 में दिखाई देगा। आज रात में 8:37 बजे पर अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार चंद्रमा अपने अधिकतम चमक में होगा । जो भारतीय समय के अनुसार लगभग सारे 9:30 से शुरू होगा।

सामान्यतः चंद्रमा 29.53 दिन में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है 1 वर्ष में लगभग 365 दिन होते हैं। इस हिसाब से चंद्रमा एक साल में 12.27 चक्कर लगाता है। पृथ्वी पर वर्ष 12 महीने का होता है। इस तरह प्रतिवर्ष लगभग 11 दिनो की वृद्धि हो जाता है।

By DTI