दिव्या टाइम्स इंडिया।उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में इन दिनों महिलाओं के सीरियल किलर को लेकर दहशत है। बीते 14 महीनों में 9 महिलाओं के कत्ल हो चुके हैं और सभी में हत्या का एक पैटर्न देखने को मिला है। इसके चलते पुलिस भी इन मामलों में किसी सीरियल किलर के होने के ऐंगल से इनकार नहीं कर रही है। दो थाना क्षेत्रों के 25 किलोमीटर के दायरे में हुए इन कत्लों ने पुलिस को भी हैरान कर रखा है। आमतौर पर इन हत्याओं का पैटर्न यह रहा है कि सभी महिलाओं को खेत या उसके आसपास दोपहर में मारा गया। इसके अलावा एक समानता यह है कि मारी गईं सभी 9 महिलाओं की उम्र 45 से 55 साल की रही है।

एक बात यह भी है कि हत्या के बाद जो शव बरामद हुए, उनमें महिलाओं के कपड़े अस्त-व्यस्त पाए गए। लेकिन किसी भी केस में जांच में यह नहीं सामने आया कि उनका यौन उत्पीड़न हुआ है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस मामले में टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि हमारी पुलिस बीते 6 महीने से जांच में जुटी है। हम इन अगला मामलों में सीरियल किलर के ऐंगल से भी इनकार नहीं कर सकते लेख ऐसा इसलिए क्योंकि सभी हत्याओं का तरीका एक सा है। फिलहाल तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए गए हैं। लंबी जांच के बाद पुलिस को कुछ इनपुट मिला था। इसके आधार पर ही तीन लोगों के स्केच जारी हुए हैं।

इन हत्याओं का सिलसिला बीते साल जून में शुरू हुआ था। वहीं आखिरी कत्ल 3 जुलाई को हुआ है, जब 45 साल की एक महिला का शव बरेली के ही ग्रामीण इलाके शाही शीशगढ़ के पास मिला था। नवंबर तक 8 ऐसी हत्याएं हो चुकी थीं। इसके बाद पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा था और उन्हें हिरासत में रखा था। लेकिन उनके अंदर रहने के बाद भी ऐसी हत्याएं जारी रही हैं। पुलिस का कहना है कि बीते साल नवंबर तक का आंकड़ा लें तो 7 महीने के अंदर ही 8 कत्ल हए थे, जो किसी सीरियल किलर की ओर इशारा करते हैं।

फिर करीब 7 महीने तक शांति रही और 3 जुलाई को एक शव बरामद हुआ है। इससे सीरियल किलर के दोबारा सक्रिय होने की आशंका बढ़ गई है। अब तक हत्यारा पकड़ा नहीं जा सका है। इसके चलते बरेली और आसपास के इलाकों की महिलाओं में खौफ है। पुलिस प्रशासन की ओर से महिलाओं से अपील की जा रही है कि वे खेतों में अकेले न जाएं। वे लोग समूह में जाएं ताकि ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।

By DTI