रुद्रप्रयाग, दिव्या टाइम्स इंडिया। डीजीपी ने आगे कहा, ‘हमें इस मुद्दे की गहराई में जाने की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों के मन में बाहर से आए लोगों के प्रति कोई प्रतिकूल भावना है। हमें छोटे गांवों में रहने वाले लोगों की भावनाओं को समझना होगा। इन गांवों में अधिक लोगों के पहुंचने के बाद अपराध की घटनाएं हुई हैं। ‘लव जिहाद’ जैसे मामले भी सामने आए हैं।’
कुमार ने कहा कि अगर कहीं बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है, तो पंचायत अधिनियम में पंचायत के अधिकारों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पुलिस के आग्रह के बाद ग्राम पंचायतों ने उन बोर्डों को हटा दिया है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कार्रवाई के लिए पुलिस की जरूरत पड़ती है या कोई कार्रवाई करनी होती है तो पुलिस प्रशासन उसमें पूरा सहयोग करेगा। पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति गांव में न आए और वहां किसी भी महिला या नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना न हो।
उन्होंने बताया कि ‘बोर्ड में लिखी भाषा पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति जताई थी। गांवों में अपराध की घटनाओं के कारण स्थानीय लोग चिंतित हो गए हैं। लव जिहाद की घटनाएं हुई हैं। हमने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वे किसी विशेष समुदाय को निशाना न बनाएं।’ डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।