देहरादून, हर्षिता।स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) डिजिटल अरेस्ट स्कैम का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने बहराइच उत्तर प्रदेश से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसने 3 करोड़ रुपये की ठगी की थी। डिजिटल अरेस्ट स्कैम में STF उत्तराखंड की बड़ी कार्रवाई, 3 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर किया है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) उत्तराखंड ने एक साइबर ठगी मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए “डिजिटल अरेस्ट” नामक स्कैम का भंडाफोड़ किया है।

इस मामले में एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने बहराइच, उत्तर प्रदेश से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने 3 करोड़ रुपये की ठगी की थी। राजपुर रोड निवासी एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि मुंबई पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर व्हाट्सएप पर कॉल कर फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी गई।

बताया गया कि मुंबई एयरपोर्ट पर उसके नाम से एक पार्सल पकड़ा गया है जिसमें ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट पाए गए हैं। आरोपियों ने पीड़ित को 48 घंटों तक वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट में रखा। वह डर के कारण किसी से संपर्क नहीं कर पाए।

पीड़ित को धमकी दी गई कि अगर वह निर्दोष साबित होना चाहते अगला लेख तो उसे अपनी संपूर्ण धनराशि जांच के लिए बताए गए बैंक खातों जमा करनी होगी। इस डर से पीड़ित ने लगभग 3 करोड़ रुपये आरोपियों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब वापस नहीं मिली तो एहसास हुआ कि यह एक ठगी थी।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि टीम ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों का उपयोग करते हुए आरोपी मनोज पुत्र नारायण निवासी बहराइच, यूपी को बहराइच जिले से गिरफ्तार किया। आरोपी के उपयोग किए जा रहे बैंक खाते में 6 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेनदेन पाया गया और इस खाते के खिलाफ देशभर से 76 शिकायतें भी दर्ज थीं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी फर्जी कॉल या डिजिटल अरेस्ट की धमकी के झांसे में न आएं। इस प्रकार की शिकायतें साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट http://www.cybercrime.gov.in पर भी की जा सकती हैं।

By DTI