उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में दहेज की क्रूर मांग ने एक बेटी का अरमान चकनाचूर कर दिया। बदोसराय थाना क्षेत्र के कसरैलाडीह गांव में उस समय इंसानियत शर्मसार हो गई जब दूल्हे और उसके परिवार ने दहेज की मांग पूरी न होने पर ऐन वक्त पर बारात लाने से इनकार कर दिया।
दुल्हन के हाथों में मेहंदी लगी थी, चेहरे पर उम्मीदें सजी थीं, लेकिन बारात नहीं आई। रिश्तेदार, मेहमान और परिवारजन पूरी रात इंतजार करते रह गए।
क्या थी दहेज की मांग?
पीड़िता के पिता के अनुसार, दूल्हे पक्ष ने एक लाख रुपये नकद, अपाचे बाइक और सोने की चेन (दूल्हे और उसके पिता के लिए) की मांग की थी। पिता ने जैसे-तैसे इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन मांग पूरी न होने पर दूल्हे की ‘बीमारी’ का बहाना बनाकर शादी से इनकार कर दिया गया।
परिवार ने दर्ज कराई FIR
अपमान और मानसिक पीड़ा झेल रहे परिवार ने बदोसराय कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
एक सवाल पूरे समाज से
क्या बेटी का सपना यूं ही चूर होता रहेगा?
दहेज प्रथा आज भी समाज में किस हद तक जड़ें जमाए बैठी है, यह घटना उसका जीता-जागता उदाहरण है। अब यह परिवार न्याय की उम्मीद में प्रशासन की ओर देख रहा है।
बाराबंकी (हर्षिता):