देहरादून, हर्षिता।उत्तरकाशी में आज शुक्रवार सुबह करीब 9 बजकर 29 मिनट पर फिर भूकंप का झटका महसूस किया गया। छह दिन में नौ बार भूकंप के झटकों से लोग डरे सहमे हैं। उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में गुरुवार शाम को भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे। झटका आते ही लोग अपने घरों, दफ्तरों और दुकानों से बाहर निकल आए। छह दिन के भीतर लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं।

भूकंप के झटकों ने लोगों के जेहन में वर्ष 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर दी हैं। 20 अक्टूबर 1991 को आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूंकप ने भारी कहर बरपाया था। त्रासदी में करीब 768 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं, करीब 20 हजार से ज्यादा आवासीय भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। यहां भूकंप के झटकों के बाद लोगों के जेहन में वर्ष 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा हो गई हैं।

भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील जोन 4 व 5 में शामिल उत्तरकाशी जनपद में रिक्टर स्केल पर 7 अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है। यह कहना है कि वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के भूकंप विज्ञान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.नरेश कुमार का। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र केंद्रीय भूकंपीय अंतराल (सेंट्रल सिस्मिक गैप) में शामिल है।

भूकंप के छोटे झटके आते रहे तो बड़ा नहीं आएगा। इस अवधारणा को वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के भूकंप विज्ञान के प्रमुख वैज्ञानिक वैज्ञानिक डॉ.नरेश कुमार ने गलत बताया है। उनका कहना है कि लगातार आ रहे छोटे भूकंप इस बात का संकेत हैं कि कोई भूकंपीय क्षेत्र कितना ज्यादा सक्रिय है और इस कारण बड़ा भूकंप आने की संभावना हमेशा बनी रहती है।

उन्होंने बताया कि पूरा हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसी कारण इस क्षेत्र में स्थित उत्तरकाशी समेत चमोली व पिथौरागढ़ आदि में लगातार भूकंप के हल्के झटके आ रहे हैं। हिमालयी क्षेत्र में इंडियन प्लेट लगातार यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक रही है।

इस कारण दोनों प्लेटों के टकराव से इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से भू-गर्भीय हलचल बढ़ी हुई है। इसी वजह से यहां भूकंप के हल्के झटके भी लगातार आ रहे हैं। हल्के झटके इस बात का संकेत हैं कि यह जोन बहुत सक्रिय है। इससे यह भी पता चलता है संबंधित क्षेत्र कि भू-गर्भीय प्लेट पर लगातार दबाव पड़ रहा है। इस दबाव के कारण बड़ा भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।

संवेदनशील जोन 4 व 5 में है उत्तरकाशी

उत्तरकाशी जनपद भूकंप के लिहाज से सर्वाधिक संवेदनशील जोन 4 व 5 में शामिल है। यहां वर्ष 1991 में आए रिक्टर स्केल पर 6.6 तीव्रता के भूकंप के बाद करीब 2 हजार आफ्टरशॉक आए थे। तब से लकर अब तक रिक्टर स्केल पर 100 से अधिक भूकंप के झटके रिकॉर्ड हो चुके हैं। भूगर्भ वैज्ञानिक यहां भूंकप से डरने की बजाए भूकंपरोधी भवन निर्माण को तरजीह देने की सलाह देते रहे हैं।

डिस्क्लेमर,हमारा मतलब लोगो को डराना नही है,बल्कि किसी भी खतरे से आगाह करना है।

By DTI