रुड़की,डीटी आई न्यूज़ : अचानक बढ़ा जलस्तर, गंगा की दो धाराओं के बीच टापू पर फंसे 34 किसान,
शाम चार बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। एसडीएम ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से रविंद्र, गुड़िया, रामलाल, रामपाल, करणपाल, हरपाल, ऋषिपाल, वीर सिंह, अतर सिंह, मामराज समेत करीब तीन दर्जन किसान टापू पर फंसे हुए थे। उन्हें एसडीआरएफ, जल पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। गौरतलब है कि इससे पहले इस तरह का मंजर वर्ष 2013 में केदरानाथ घाटी में आई आपदा के दौरान देखने को मिला था। उस समय भी दर्जनों लोग टापू पर फंस गए थे, जिन्हें बमुश्किल बाहर निकाला गया था।
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बावजूद कुछ लोग अपनी जान पर खेलकर गंगा में बहकर आ रही बड़ी और मोटी लकड़ियों को पकड़कर किनारे पर ले आते हैं। साथ ही अपने साथियों की मदद से लकड़ियों को बाहर निकाल लेते हैं। ऐसा ही एक दृश्य शनिवार को रामपुर रायघटी गांव के पास गंगा में देखने को मिला।
यहां एक ग्रामीण ट्यूब पर बैठकर नीलधारा गंगा के बीच बहकर आ रही बड़ी लकड़ी को पकड़कर गंगा के किनारे की ओर लाता दिखा।
शनिवार सुबह गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (294 मीटर) को पार कर गया। क्षेत्र की लगभग दो हजार बीघा कृषि भूमि पर खड़ी गन्ने, पशुओं के चारे की फसलों में बाढ़ का पानी फैल गया। प्रशासन ने क्षेत्र के 22 गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
हस्तमौली, दल्लावाला, चंद्रपुरी बांगर, महाराजपुर खुर्द, आलमपुरा, शेरपुर बेला, जोगावाला, चंद्रपुरी खादर, गंगदासपुर, बालावाली, गिद्धावाली, नंदपुर, कलसिया, रायसी, मोहम्मदपुर खादर, सोंपरी, भोवावाली, रामपुर रायघटी, हबीबपुर कुड़ी, जसपुर रणजीतपुर, डुमनपुरी, दाबकी खेड़ा गांव में बाढ़ का खतरा है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने भगवानपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम तेलपुरा, छंगामजरी और बुगगावाला में बाढ़ राहत चौकियां बनाई हैं। चौकियों पर चार-चार कर्मचारियों की तैनाती की गई है। साथ ही दो-दो पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।
चौकियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। चौकियों पर 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। कंट्रोल रूम नंबर 7668618690 पर कोई भी बाढ़ संबंधी जानकारी दे सकता है।