रिखणीखाल-प्रभुपाल सिंह रावत।खेतों की सिंचाई के लिए नहर में पर्याप्त पानी होने के बावजूद पानी नहीं पहुंचता,अवर अभियंता सिंचाई विभाग व ठेकेदार आधा अधूरा काम छोड़कर गायब!
आपने सुना होगा और छोटी कक्षाओ में भी पढा होगा कि भारत कृषि प्रधान देश है,यहाँ की 95% आबादी कृषि पर निर्भर है लेकिन ऐसे में कैसे सम्भव है।
रिखणीखाल प्रखंड के पैनो घाटी की मशहूर सिंचाई नहर जो उद्गम स्थल ग्राम सेरोगाढ से चलकर गलैगाव,गाजा,मुच्छेलगाव तथा आठबाखल( आठ गाँव)तक लगभग आठ किलोमीटर सफर पूरा कर सिंचाई करते आ रही है,लेकिन इस नहर के सही रखरखाव,मरम्मत,लीकेज के अभाव में दम तोडती आ रही है।अनेक जगह-जगह पर लीकेज,मिट्टी,रेत,बजरी,कूड़ा कचडा व घास पात से अटा पडा है।जिससे पानी ओवरफ्लो बह रहा है तथा मिट्टी आदि खेती को बर्बाद कर रही है।
अभी इसी वर्ष मार्च 2021 में सिंचाई विभाग दुगड्डा,पौड़ी के अधिकारियो को अवगत कराया था तो उन्होंने आनन फानन में काम भी शुरू कर दिया था लेकिन हल्का फुल्का काम करके बीच में ही छोड़कर भाग गये।किसानो के ऑखो में धूल झोककर चलते बने अब किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।कल ही सिंचाई मंत्री जी का वक्तव्य था कि अपने कार्यकर्ताओ को छोटे छोटे ठेके मिलेगे।क्या ये ठेका भी इसी वक्तव्य का भाग रहा होगा? जो बीच में आधा अधूरा काम छोड़कर भाग गये।इस कार्य की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग दुगड्डा के अवर अभियंता श्री आशीष भट्ट के पास थी तथा ठेकेदार उसी क्षेत्र के उस सिंचाई को प्रयोग करने वाले श्री रामपाल सिंह गुसाई को दिया गया था जिन्होंने अपने ही गांव की नहर सफाई के प्रति रुचि नही रखी।इन्होंने सिर्फ एक किलोमीटर नहर की सफाई की मरम्मत का काम नही हुआ जबकि नहर की लम्बाई लगभग आठ किलोमीटर होगी।क्या किसानो की यही मांग थी कि आधा अधूरा काम करके भाग जाओ।
यहाँ के स्थानीय ग्रामीण श्री विक्रम सिंह गुसाई ने सूचित किया कि अधिकारियो व ठेकेदारो की लापरवाही का खामियाज़ा किसानो को भुगतना पड रहा है जो भारी हो रहा है।
अन्त में ग्रामीणो का कहना है कि इस नहर की पूरी साफ सफाई,लीकेज,रिसाव,मरम्मत जो भी आवश्यक हो,उसे तसल्ली से पूरा किया जाये ताकि पैदावार बढे।यहाँ की जनता इसी नहर पर निर्भर है ये इलाका समतल पूरा फैला हुआ है।पैनो घाटी गेंहू धान की पैदावार के लिए जाना जाता है।अब ये देखने वाली बात होगी कि ऊँट किस तरफ करवट लेता है।या किसान ऐसे ही परेशान रहेगे।।