चमोली , हर्षिता। जून… केदारनाथ की घाटी के लिए यह सिर्फ एक महीना नहीं, बल्कि हर साल लौट आने वाला दर्द, डर और दुख का प्रतीक बन चुका है। 2013 की वह भयावह आपदा, और अब 2025 में हेलीकॉप्टर क्रैश — केदारघाटी जैसे हर जून अपनी ही कहानी दोहराती है।
🔥 2025 का ताजा हादसा:
बीते दिन आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ से लौटते समय क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में सवार सभी 7 लोग काल के ग्रास बन गए। पूरा हेलीकॉप्टर जलकर राख हो गया। यह घटना एक बार फिर जून की विभीषिका की याद दिला गई।
🕯️ 2013 की आपदा: 13 साल, जख्म अब भी ताजा
आज से ठीक 12 साल पहले केदारनाथ ने वो मंजर देखा था, जिसे भारत कभी नहीं भूल सकता।
⛰️ बादल फटा,
🌊 नदियां उफनीं,
🏚️ गांव बह गए,
👥 और हजारों जिंदगियां लील गई प्रकृति की नाराज़गी।
📊 सरकारी आंकड़ों की जुबानी तबाही:
🔴 4400 से अधिक मौतें या लापता लोग
🏚️ 2141 भवन पूरी तरह से तबाह
🌾 1309 हेक्टेयर कृषि भूमि जल में समा गई
🏨 100+ होटल मलबे में बदल गए
🚁 90,000 यात्रियों का सेना ने रेस्क्यू किया
👮♂️ 30,000 स्थानीयों को पुलिस ने सुरक्षित पहुंचाया
🚧 2385 सड़कों और 86 मोटर पुल बहे
💔 केदारघाटी की नब्ज अभी भी कांपती है
हर साल जून में बारिश की शुरुआत के साथ लैंडस्लाइड, सड़क बंद होने और नई घटनाओं की आहट सुनाई देती है। जून का नाम सुनते ही यहां के निवासी आंखों में डर, और दिल में दुआ लेकर जीते हैं।
⚠️ जून = केदारघाटी के लिए अलर्ट!
2013 की त्रासदी के 13 साल बाद भी… केदारनाथ की घाटी जून के आते ही सिहर उठती है।
हादसे दोहराते हैं वही चेतावनियां,
सवाल करते हैं: क्या हमने सबक सीखा?
📍 केदारनाथ केवल एक तीर्थ नहीं, ये श्रद्धा के साथ-साथ एक चेतावनी भी है कि प्रकृति का संतुलन अगर बिगड़ा, तो देवभूमि भी रो पड़ती है…