उत्तरकाशी, हर्षिता मंडुवा एक एक मोटा अनाज (Millet) है, जो ऊँचाई वाले ठंडे और शुष्क इलाकों में आसानी से उग जाता है।

यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है, इसलिए पहाड़ों की जलवायु के लिए एकदम उपयुक्त है।
रंग में यह हल्का भूरा या गहरा ग्रे होता है, और इससे आटा, दलिया, खीर, व विभिन्न व्यंजन बनाए जाते हैं।

🌱 2. पौष्टिकता (Nutritional Value)
मंडुवा को “सुपरफूड” कहा जाता है क्योंकि यह बेहद पौष्टिक है।
100 ग्राम मंडुए में औसतन होता है:
कैल्शियम: 344 mg (दूध से भी ज्यादा!)
प्रोटीन: 7–8 ग्राम
फाइबर: 3–4 ग्राम
आयरन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, विटामिन B कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में।
ग्लूटेन-फ्री: यानी जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है, उनके लिए सुरक्षित।
💪 3. सेहत के फायदे
- हड्डियों को मजबूत बनाता है – कैल्शियम की उच्च मात्रा बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए उपयोगी है।
- शुगर नियंत्रित करता है – इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- पाचन में मददगार – फाइबर अधिक होने से कब्ज नहीं होती और पेट हल्का रहता है।
- वजन घटाने में सहायक – यह देर तक भूख नहीं लगने देता।
- रक्तचाप नियंत्रित करता है – पोटैशियम अधिक होने से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।
🍛 4. मंडुए से बनने वाले प्रमुख व्यंजन
- मंडुवे की रोटी – उत्तराखंड का पारंपरिक भोजन। गर्मागर्म रोटी पर देशी घी या चाय के साथ खाई जाती है।
- मंडुवे का दलिया / खीर – मीठा और पौष्टिक व्यंजन, खासकर सर्दियों में।
- मंडुवे का हलवा – पौष्टिक मिठाई जो बच्चों को बहुत पसंद आती है।
- मंडुवे के पराठे और पुए – त्योहारों या विशेष अवसरों पर बनाए जाते हैं।
- मंडुवा पकोड़ी – मसालों के साथ बने कुरकुरे पकवान।
🌦️ 5. खेती की जानकारी

बुवाई का समय: जून–जुलाई (बरसात की शुरुआत में)
कटाई का समय: अक्टूबर–नवंबर
भूमि: हल्की, दोमट या बंजर जमीन में भी उग जाता है।
पानी की आवश्यकता: बहुत कम — सूखा-सहिष्णु फसल।
रासायनिक खाद: बहुत कम लगती है, इसलिए इसे ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है।
🏔️ 6. सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व
पहले हर पहाड़ी घर में मंडुवे का आटा रखा जाता था।
“मंडुवा रोटी – घी और भात” पहाड़ की पहचान है।
आजकल सरकार भी “मिलेट मिशन” के तहत इसे “श्री अन्न” के रूप में प्रोत्साहित कर रही है।
उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, टिहरी, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों में मंडुए की अधिक खेती होती है।
🌍 7. आधुनिक उपयोग
आज मंडुवा से कई नए उत्पाद बनाए जा रहे हैं:
रागी कुकीज़, रागी पास्ता, रागी पाउडर, एनर्जी बार, रागी इडली मिक्स आदि
ये अब स्वास्थ्य और फिटनेस के शौकीनों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
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