हरिद्वार गगन नामदेव।बताइये भला! विरोधियों और राजनैतिक जानकारों को सालों बाद ये अहसास अब जाकर हुआ कि वास्तव में ‘ईमली’ खट्टी ही रहेगी। हरिद्वार की राजनीति के ‘ईमली’ वाले ‘सबसे बड़े लड़ैइया’ ने यह एक बार फिर साबित कर दिया। क्योंकि विरोधी की जीत की खुमारी को कैसे हार में बदला जाता है इस ‘सबसे बड़े लड़ैइया’ से बेहतर कौन जान सकता था। ‘सबसे बड़े लड़ैइया’ यानि हम बात कर रहे हैं पांचवी बार जीत के साथ प्रदेश में भाजपा को लगातार सत्ता में लाने वाले राजनैतिक युद्ध के पुरोधा राजनेता मदन कौशिक की।
ठंडी तासीर की ‘ईमली’ ने विरोधियों को एकदम ठंडा कर दिया। लगातार पांचवी बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रच ‘ईमली’ वाले मदन कौशिक ने अपने सब राजनैतिक, सामाजिक और नजदीकी विरोधियों को चित्त कर दिया है। यूं तो वे ये ऐसे कारनामें पहले भी कर चुके हैं लेकिन इस बार जीत के अलग ही मायने थे। मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष भाजपा हैं, उन पर हरिद्वार की सीट जीतने के साथ पूरे प्रदेश में अबकी बार साठ पार का नारा सार्थक करने की भी जिम्मेदारी थी।जिसके चलते वे सुबह देहरादून व प्रदेश के कई हिस्सों में चुनावी दौरा करते और दोपहर से देर रात तक अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क, बैठकें और चुनाव से जुड़े हर पहलू की स्वयं समीक्षा। खांसते हुए सामने जग से गर्म पानी पीकर, बैठती आवाज में भी वह रवानी कि चुनाव संचालन समिति चेतन रहती। इतने लोगों में कौन आया और कौन जिम्मेदारी से लापरवाह रहा उसे नाम से याद कर पुकारना, गलती पर गुस्साना तो अच्छे काम पर पीठ थपथपाना। आधी रात मे खुद पूरे क्षेत्र का भ्रमण कर प्रचार का अवलोकन कर साथियों से चर्चा करना।


मैं खुद ओर मेरे साथी गगन नामदेव जो एक भाजपा के सच्चे कार्यकर्ता व पधाधिकारी भी हैं उनके दैनिक कार्यक्रमों व मीडिया के कार्य को बड़ी ही जिम्मेदारी से बनाते थे देर रात तक इस ‘सबसे बड़े लड़ैइया’ की बैठकों में मौजूद रहे, बैठक के बाद रात एक बजे वे किसी को भी यह कह सकते थे कि अभी रूकना है। पता चलता है कि अभी तो वे कल पूरे दिन के चुनावी कार्यक्रमों को भी अंतिम रूप देंगे। हैरत ये कि लगता ही नहीं था कि वे थके होंगे। मदन जानते थे कि उनका सीधा मुकाबला केवल विरोधी कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल से नहीं बल्कि उनके ही राजनैतिक कुनबे के बेहद नाराज विरोधियों से है। इस बार उनके खेमे में भी कई लोग घाती थे लेकिन चुनावी रण के माहिर मदन ने कभी भी और कहीं भी कोई ढील नहीं होने दी। कहते हैं कि काम वही होता है लेकिन विजेता उसे अलग अंदाज में करते हैं, तभी वे विजेता कहलाते हैं।
ये अलग अंदाज ही तो है कि बीते बीस सालों में उन्होने हरिद्वार में भाजपा को न हारने वाला संगठन बना दिया। हरिद्वार की राजनीति में मदन ही हैं जिन्होने भाजपा की जीत के लिए कई स्तरों पर चुनावी बिसात बिछाने का काम किया जिसकी काट आज तक विरोधी दल नहीं ढूंढ पाये। उनके विरोधी ये आरोप लगाते आये कि उन्होने समानान्तर संगठन खड़ा किया। लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि यदि ये संगठन है भी, तो इस पर नाम और काम का मजबूत टैग भाजपा का ही है, वह भाजपा से इतर नहीं है। उसका हर पग पार्टी को जिताने का काम करता है। इसका अनुकूल प्रभाव आसपास के क्षेत्रों में भी पड़ता है। क्या भाजपा के दर्जनों आनुसांगिक संगठन चुनावों में भाजपा का काम नहीं करते।

चुनाव हारने वाले उनके भाजपा के कई मित्रों ने उन पर उन्हें हराने के आरोप लगाये लेकिन सोचने वाली बात है कि उनके हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र में भी यह काम उनके खिलाफ हुआ और वे फिर भी इस चुनौती को पार कर इतिहास रच दिये। सच तो ये है कि उन पर आरोप लगाने वालों ने स्वयं की समीक्षा की होती तो वे आज जीत में साथ खड़े होते।
मदन कौशिक अपने खन्ना नगर वार्ड के बजरंग दल प्रमुख से लेकर पिछली सरकार में कद्दावर काबीना मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता तक रह चुके हैं और अब वे प्रदेश अध्यक्ष हैं। राजनैतिक रूप से उनका प्रदेश की सत्ता में शीर्ष पद पाना बाकी रह गया है। दिल्ली के सूचना सूत्रों की माने तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं कि वे आने वाले समय में प्रदेश के मुखिया होंगे। वे इसके लिए डिजर्व भी करते हैं और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी इसका अहसास है।
जीत हार हो चुकी है। प्रदेश में दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा एक बार फिर सत्ता को समाज के लिए समर्पित करने का काम करने को तैयार है। नेतृत्व की घोषणा जल्द होगी, इसकी प्रतीक्षा है।
इस चुनावी रण और सबसे बड़े लड़ैइये से विरोधी कांग्रेस और राजनैतिक कर्मभूमि में संघर्ष करने वालों को सीख और सबक दोनों ही लेने चाहिए। तभी पक्ष और विपक्ष की भूमिका की सार्थकता होगी।
अभी आभार जताने का समय है। जनता ‘ईमली’ वाले का आभार स्वीकार करे कि तमाम राजनैतिक झंझावतों के मध्य यह जन ही उसे इस शीर्ष मकाम तक लाया है और आभार यह भी कि जन के पास देवभूमि द्वार पर एक ‘सबसे बड़ा लड़ैइया’ है जो हर दम उनके साथ खड़ा होगा। प्रदेश खुशहाल होगा और जनगण ज्यादा बेहतर।

By DTI