नई दिल्लीः देश में कई ऐसे व्यक्ति जिंदा हैं, जिन्हें कागज पर मृत घोषित कर दिया गया है . परिवार वालों ने पारिवारिक विवाद के चलते या फिर अपने स्वार्थ के लिए मृत घोषित करवा दिया है. हाड़ मांस का ये जिंदा शख्स सालों से खुद के जिंदा होने की लड़ाई लड़ रहा है. क्याेंकि कागज पर जिंदा हाेने पर ही उन्हें उनका अधिकार मिल सकेगा.
इसके लिए कई लोग लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं.
इन लोगों का साथ देने के लिए 28 अगस्त को दिल्ली में रहने वाले समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा जंतर मंतर पर एक दिन का सांकेतिक उपवास रखेंगे राणा ने बताया कि हमारे संपर्क में यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के करीब 20 से 25 लोग हैं. जिन्हें उनके परिवार के लोगों ने परिवार विवाद के चलते सरकारी तौर पर मृत घोषित करवा दिया. उनकी जमीन पर अधिकार कर लिया. कई ऐसे शख्स हैं, जो पिछले कई सालों से जंतर मंतर पर बैठकर लगातार शासन और प्रशासन के खिलाफ जिंदा घोषित करने का मुहिम चला रहे हैं.
कोई रेलवे स्टेशन पर, तो कोई किसी मंदिर या गुरुद्वारे के बाहर बैठकर भीख मांग रहा है. एक शख्स पिछले 10 सालों से जंतर मंतर पर चाय की दुकान लगाकर अपने जीवन को दोबारा से संवारने की लड़ाई लड़ रहा है. उसने बोर्ड भी लगाया हुआ है कि मैं जिंदा हूं. कहीं पर परिवार के लोगों ने ही सरकारी पेंशन का लाभ लेने के लिए अपनों को मृत घोषित करा दिया और पेंशन का लाभ ले रहे हैं. यदि लड़ाई के बाद भी सरकारी तौर पर लोगों को न्याय नहीं मिला तो न्यायालय से इंसाफ की गुहार लगाएंगे.
सौजन्य ईटीवी