मेरठ,डी टी आई न्यूज़।मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले के पहले दिन 10 करोड़ का भैंसा गोलू टू आकर्षण का केंद्र बना रहा. हरियाणा के पानीपत के रहने वाले पद्मश्री सम्मानित किसान नरेंद्र सिंह मेले में अपने भैसे गोलू टू को लेकर पहुंचे. गोलू टू को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.
नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके भैसे का नाम गोलू टू इसलिए है क्योंकि इसके दादा का नाम गोलू वन था और ये अपने दादा गोलू वन से भी शानदार है, इस लिए इस का नाम इस के दादा पर रखा. नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनका भैंसा शुद्ध मुर्रा प्रजाति का है और इसकी मां प्रतिदिन 26 किलो दूध देती है.
गोलू टू भैंसा का वजन 15 कुंटल है यानी 1500 किलो और इसकी उम्र 4 साल 6 महीने की है. नरेंद्र सिंह ने बताया कि गोलू हर रोज 30 किलो सुखा हरा चारा, 7 किलो गेहूं-चना औक 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर खाता है. गोलू टू का रोज का खर्चा लगभग 1000 रुपए का है. नरेंद्र सिंह ने बताया कि गोलू टू के सीमन से उनको काफी आमदनी हो रही है.
नरेंद्र सिंह के अनुसार, खरीदारों ने गोलू टू की कीमत 10 करोड़ तक आंकी है लेकिन वह इसको बेचने के लिए तैयार नहीं है. किसान मेले में आने वाला हर व्यक्ति भैंसे की कदकाठी देखकर चकित है और हर कोई गोली टू के बारे में जानना चाहता है. नरेंद्र सिंह कहते हैं कि उनको जानवर का शौक है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने गोलू वन तैयार किया.
जगह-जगह घूमे और उन्होंने उसका सीमन भी काफी जगह दिया है. गोलू वन के बाद उन्होंने पीसी 483 तैयार किया जो की गोलू टू का पिता है और उसको नरेंद्र ने हरियाणा सरकार को भैंसो की नस्ल सुधारने के लिए उपहार में दे दिया.
गोलू टू कहीं भी जाता है तो उसके लिए एक पानी का टैंकर मंगवाया जाता है ताकि उसे गर्मी ना लगे. नरेंद्र सिंह बताते हैं कि मेले में गोलू टू लाने का मकसद किसानों को जागरुक करना है. उनकी इच्छा है कि अच्छे सीमन का प्रयोग करके अच्छे भैसे और भैंस तैयार हो. नरेंद्र सिंह बताते हैं कि उनको 2019 में सरकार ने पद्मश्री अवार्ड दिया था.
गोलू टू की उम्र 4 साल 6 महीने है. इसकी ऊंचाई 5 फीट 6 इंच के आसपास है और लंबाई 14 फुट लंबाई. इसका वजन 15 कुंटल है. इसके पिता पीसी 483 थे, जिसे हरियाणा सरकार को गिफ्ट कर दिया गया था. पीसी 483 का वजन 12 कुंटल है.