नई दिल्ली, डी टी आई न्यूज़। देश की राजधानी दिल्ली से युवती की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली निवासी आफताब अमीन पूनावाला नाम के युवक ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा वाकर का बेरहमी से कत्ल किया और उसके बाद उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए। आरोपी ने टुकड़ों को रोजाना रात में दिल्ली की कई जगहों पर ठिकाने लगाए।
दरअसल, आफताब और श्रद्धा की लव स्टोरी मुंबई में शुरू हुई। आफताब और श्रद्धा की दोस्ती मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम के दौरान हुई थी। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। जब युवती के परिजनों को दोनों के प्यार के बारे में पता चला तो परिजनों ने विरोध किया। विरोध के बाद दोनों ने मुंबई छोड़ दिल्ली में रहने का प्लान बनाया और वहां से आ गए। हालांकि युवती के परिजन उससे सोशल मीडिया से जुड़े थे। सोशल मीडिया के जरिए ही उसका हाल-चाल लेते रहते थे।
जानकारी के अनुसार, विकास मदान वाकर (59) ने आठ नम्वबर को अपनी बेटी के अपहरण का मामला दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि वह अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं।
उनकी 26 साल की बेटी श्रद्धा मुंबई के मलाड में एक कॉल सेंटर में काम करती थी। यहां श्रद्धा और आफताब की मुलाकात हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों लिव-इन में रहने लगे। जब दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी परिजनों को लगी तो उन्होंने विरोध किया।
इसके बाद दोनों अचानक मुंबई छोड़ दिल्ली में आकर रहने लगे। सोशल मीडिया से बेटी से जुड़े होने की वजह से पता चला कि दोनों दिल्ली के महरौली के छतरपुर में रहने लगे। मई के बाद बेटी से संपर्क नहीं हुआ। इस पर परिजन चिंतित हो गए।
आठ नवंबर को परिजन सीधे दिल्ली के छतरपुर में उस जगह पहुंचे जहां बेटी किराये के फ्लैट में रहती थी। लेकिन फ्लैट में ताला लगा मिला। विकास यहां से सीधे महरौली थाने में शिकायत दर्ज कराई।
टेक्निकल सर्विलांस की मदद से दिल्ली पुलिस आफताब की तलाश में जुट गई। जिसके बाद एक गुप्त सूचना के आधार पर आफताब को धर दबोचा। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि श्रद्धा उसपर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जिसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़ा होना शुरू हो गया।
उसने मई में बेरहमी से उसकी हत्या कर डाली और शव के टुकड़े कर अलग-अलग जगह पर जंगल में फेंक दिए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की और आरी से 35 टुकड़े करके, अपने घर में रखे।
इसके लिए आफताब एक नया बड़ा फ्रिज खरीदकर लाया। 18 दिन तक वह रात को दो बजे शरीर के टुकड़े को एक-एक कर प्लास्टिक बैग में लेकर जाता था और फेंक कर आ जाता था।
सौजन्य अमर उजाला