बीजिंग,डी टीआई न्यूज़।अभी तक कोरोना वायरस के किसी नए वैरिएंट की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन चीन पर 2019 के आखिर में उसके यहां सबसे पहले सामने आए वायरस के बारे में तभी से आगे आकर जानकारी नहीं देने का आरोप है।
चीन पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण की भीषण मार झेल रहा है। ब्रिटेन के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि चीन में हर दिन करीब 9,000 मौते कोविड-19 के चलते हो रही हैं। यह आंकड़ा बीते हफ्ते के अनुमान से दोगुना है। यूके स्थित हेल्थ डेटा फर्म एयरफिनिटी ने एक बयान में कहा कि 1 दिसंबर से अब तक चीन में कोरोना से जुड़ी मौतों की संख्या 1 लाख तक पहुंच गई है।

हेल्थ फर्म का यह अनुमान है कि चीन में कोविड इन्फेक्शन का पीक 13 जनवरी को देखने को मिलेगा जब यहां एक दिन में 3.7 मिलियन (37 लाख) से अधिक केस मिल सकते हैं। इसके अलावा 23 जनवरी को चीन में एक दिन में कोविड-19 के संक्रमण से 25,000 से ज्यादा मौतें हो सकती हैं। इस तरह यहां कुल मौतों का आंकड़े 5,84,000 तक पहुंच सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने यह अनुमान ऐसे समय लगाया है जब चीन पर कोरोना से जुड़ी सही जानकारियां न देने के आरोप लगे हैं। चीनी

अधिकारियों ने बीजिंग में एक दिन में कुछ हजार मामले दर्ज होने की बात ही कही है, साथ ही 7 दिसंबर से अब तक केवल 10 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चीन से महामारी से जुड़े डेटा को लेकर अधिक पारदर्शी होने की अपील की है।
चीन पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप अभी तक वायरस के किसी नए वैरिएंट की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन चीन पर 2019 के आखिर में उसके यहां सबसे पहले सामने आए वायरस के बारे में तभी से आगे आकर जानकारी नहीं देने का आरोप है। अब भी इस तरह की आशंका है कि चीन वायरस के ऐसे उभरते वैरिएंट के किसी भी संकेत पर जानकारी साझा नहीं करेगा जिनसे दुनिया में संक्रमण के अत्यधिक मामले आ सकते हैं।

अमेरिका, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, ताइवान और इटली ने चीन से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने की घोषणा कर दी है। ताइवान में एक जनवरी से चीन से आने वाले प्रत्येक यात्री की कोविड जांच अनिवार्य होगी। ताइवान में नए साल के लिए करीब 30,000 ताइवानी नागरिकों के चीन से लौटने की संभावना है। ताइवान के महामारी नियंत्रण केंद्र के प्रमुख वांग पी- शेंग ने कहा, ‘चीन में इस समय महामारी की स्थिति पारदर्शी नहीं है। हमारे पास बहुत सीमित जानकारी है और वह भी सटीक नहीं है।’

By DTI