विकासनगर, डी टी आई न्यूज़।शहीद टीकम सिंह नेगी अपने खानदान के इकलौते चिराग थे। उनकी एक छोटी बहन माधुरी है, जिसका विवाह हो चुका है। टीकम के दादा और पिता भी परिवार के इकलौते चिराग थे। वहीं शहीद टीकम का भी एक ही बेटा है। टीकम के शहीद होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
शहीद टीकम सिंह नेगी के पार्थिव शरीर के घर पर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। परिजनों को रोता बिलखता देख हर किसी की आंखें नम हो गई। परिजनों को ढांढस बंधाते हुए आईटीबीपी के कई अधिकारियों और जवानों की आंखें छलक गईं।
जैसे ही शहीद के ताबूत को अंतिम यात्रा के लिए ट्रक में रखा जाने लगा, छोटी बहन माधुरी फूट-फूट कर रोने लगी। बोली अब मैं किसको भाई बोलूंगी, किसकी कलाई पर राखी बांधूंगी। नम आंखों से माधुरी ने भाई टीकम की अंतिम यात्रा को विदाई दी।
बता दें कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए राजावाला-सेलाकुई निवासी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी (34) का मंगलवार को प्रेमनगर स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
चचेरे भाई शुभम रावत ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। नम आंखों से परिजनों और क्षेत्रवासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। उनकी शवयात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा टीकम तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे।