चंडीगढ़, दिव्या टाइम्स इंडिया। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार हरदीप सिंह बुटेरला ने पार्टी छोड़ने की घोषणा करते हुए पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को अपना टिकट लौटा दिया। बुटेरला ने आरोप लगाया कि चुनाव लड़ने से पहले पार्टी के सामने मांग रखी थी कि इस बार अकाली दल चंडीगढ़ में अकेले चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में यहां प्रचार और समर्थन के लिए सीनियर नेताओं की जरूरत पड़ेगी।

सुखबीर बादल 13 सीटों पर प्रचार कर रहे हैं लेकिन 14वीं चंडीगढ़ सीट को भूल गए हैं। पहले चंडीगढ़ में भाजपा और अकाली दल मिलकर चुनाव लड़ते थे। अकाली दल ने इस बात पर अलग होकर हरदीप सिंह बुटरेला को मैदान में उतारा था। वो कई दिन से प्रचार भी कर रहे थे। आज अचानक उन्होंने पूरी प्रदेश कार्यकारिणी के साथ इस्तीफा दे दिया। टिकट भी लौटा दी है।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरदीप सिंह बुटेरला ने कहा कि पार्टी के सहयोग के बिना वह चुनाव नहीं लड़ सकते। वहीं, इस घटनाक्रम से अकाली दल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुटेरला ने कहा कि मुझे चुनाव लड़ने के लिए फंड की जरूरत थी लेकिन पार्टी ने फंड नहीं दिया। मैं एक किसान परिवार से हूं और अकेले चुनाव नहीं लड़ सकता। मैंने सुखबीर बादल को भी यह बात बताई लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर हरदीप बुटेरला ने कहा कि वह किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। वह अकाली दल की नीतियों की वजह से परेशान होकर पार्टी छोड़ रहे अगला हैं। माना जा रहा था कि हरदीप सिंह के चुनाव लड़ने की वजह से लेख बीजेपी को वोटों का नुकसान होना था। हरदीप ने मेयर चुनाव में बीजेपी को वोट दिया था। बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने चंडीगढ़ में पहली बार अपने लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा की थी। हरदीप सिंह बुटेरला की बीजेपी के संजय टंडन और कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतारे गए मनीष तिवारी से ट इस तरह से चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था।

By DTI