उत्तराखंड की हरिद्वार सीट पर भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 653808 मत प्राप्त किए। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे विरेंद्र रावत को 164056 मतों के अंतर से हराया। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार ने भी दोनों प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी। 

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीत के बाद कहा कि  उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर परिणाम हमारी उम्मीदों और प्रयासों के अनुकूल आए हैं। प्रदेश के लोगों ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है। मैं हरिद्वार लोकसभा की जनता का आभार प्रकट करता हूं। चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझे भारी बहुमत से विजय बनाने का कार्य किया।

संघ के प्रचारक से सीएम की कुर्सी तक ऐसे पहुंचे थे त्रिवेंद्र सिंह रावत

त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर 1979 में शुरू हुआ था। इसी वर्ष त्रिवेंद्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। 1981 में उन्होंने संघ के प्रचारक के रूप में काम करने का संकल्प लिया। 1985 में त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून महानगर के प्रचारक बने। इसके बाद  1993 में वे भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बने। इस दौरान वे पार्टी में अहम भूमिका में रहे। इसके बाद 1997 में त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने। साल 2002 में वे दोबारा भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने। 

2002 में उन्होंने डोईवाला विधानसभा से चुनाव लड़ा। उन्होंने विधानसभा चुनाव में डोईवाला सीट से जीत हासिल की थी। 2007 में डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में वे विजयी हुए। भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। 2017 में डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए। इसके बाद 17 मार्च 2017 को उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद मार्च 2021 में उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

By DTI