रिखणीखाल,डीटी आई न्यूज़।आये दिन सुनने में व देखने में आ रहा है कि पहाड़ी क्षेत्रो में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन लेना किसी सिर दर्द से कम नहीं है।सरकार अखबारो,सोशल मीडिया में कुछ और तरह की घोषणा करती है तथा विभाग कुछ और व खाद्यान्न डिपो कुछ और तरह से आपूर्ति कर रहा है या नहीं भी करता है।जिससे लोगों में व राशन विक्रेता में भ्रम व टकराव की स्थिति बन रही है।लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
प्रायः ये खबरें आ रही हैं कि राशन विक्रेता सरकारी आदेशों के मुताबिक राशन नहीं दे रहे हैं ,कुछ ऐसे भी हैं जो खाद्यान्न डिपो से राशन नहीं उठाते या तो उनके पास राशन रखने के लिए जगह नहीं है या धन की कमी के कारण राशन नहीं उठा रहे हैं।ऐसी भी खबर आती है कि कभी खाद्यान्न डिपो में राशन ही पर्याप्त नहीं है जिससे राशन विक्रेता को बैरंग लौटना होता है।ऐसे मे लगता है सरकार,विभाग व राशन डीलर में सामंजस्य व समन्वय नहीं है।और मारा जाता है आम उपभोक्ता।
अब आम नागरिक चाहते हैं कि हमें भ्रम व गफलत में न रखा जाये तथा राशन की आपूर्ति समय पर,सही मात्रा सही कीमत पर देना सुनिश्चित किया जाये।ये एक इलाके की घटनाक्रम नहीं है पूरे पहाड़ी जिलों व गाँवो मे हो रहा है।
