नई दिल्ली, दिव्या टाइम्स इंडिया।किसी को रेप केस में बेटे की गिरफ्तारी तो किसी को पार्सल में ड्रग्स मिलने के बाद उस पर मंडरा रहे गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपए ठग लेने का खेल उत्तर प्रदेश में खूनी साबित हो गया। आगरा में एक साइबर ठग के ऐसे ही फोन के बाद डिजिटल अरेस्ट के दौरान सदमे में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका की मौत हो गई। साइबर ठग ने महिला टीचर को फोन करके बताया था कि उनकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है और उसे गिरफ्तार करके कॉल गर्ल के साथ जेल भेज दिया जाएगा। अगर वो बेटी को बचाना चाहती है तो एक लाख ट्रांसफर कर दें।
पैसे ठगने के लिए घटिया और झूठी सूचना देकर लोगों को दहशत में लेने और उस हड़बड़ाहट में लोगों से रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कराने की इस कोशिश में चार दिन पहले आगरा की अबलतिया निवासी मालती वर्मा की मौत हो गई। मालती वर्मा आगरा में ही अछनेरा कन्या जूनियर विद्यालय में सरकारी टीचर की नौकरी कर रही थीं। मृत शिक्षिका के बेटे ने आरोप लगाया है कि उनकी मां को डिजिटल अरेस्ट का झांसा दिया गया था। मां को बताया गया था कि बेटी देह व्यापार में पकड़ी गई है। एक लाख रुपए दे दो, नहीं तो जेल चली जाएगी।
रिटायर टीचर को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी, इस नायब तरीके को जानकर पुलिस भी दंग
बेटे ने कहा कि उनकी मां बहन के बारे में इस तरह की वाहियात बात से सदमे आ गईं और उन्होंने दम तोड़ दिया। शिक्षिका की मौत के चार दिन बाद बेटा मुकदमा लिखाने पुलिस के पास पहुंचा है। बेटे ने मां के मोबाइल फोन का कॉल रिकॉर्ड दिखाया है जिसमें एक अगला पाकिस्तानी नंबर से दस बार व्हाट्सएप कॉल आया दिख रहा है। पाकिस्तानी नंबर ने पुलिस की वर्दी में एक फोटो लगा रखी है जो निश्चित रूप से किसी भारतीय पुलिस अधिकारी की इंटरनेट पर मौजूद तस्वीर होगी।
कुछ दिन पहले मेरठ में कवि सौरभ जैन की मां और कवयित्री अनामिका अंबर की सास सरिता जैन को भी पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सएप कॉल करके कहा गया था कि उनका बेटा रेप केस में फंस अगला गया है और वो डिजिटल अरेस्ट हैं। एक करोड़ रुपए नहीं देने पर लेख सौरभ जैन को जेल भेजने की धमकी दी गई थी लेकिन इसी बीच सौरभ ने किसी काम से मां को दूसरे नंबर पर फोन किया तो ठगी की कोशिश पकड़ी गई। सरिता को फोन करने वाले पाकिस्तानी नंबर ने बिहार के चर्चित आईपीएस अफसर विकास वैभव का फोटो लगा रखा था।इसी तरह कई मामलों में डिजटल अरेस्ट करने के लिए कई तरह की फोटो इस्तेमाल कर चुके है । जिस कारण साइबर ठग आसानी से शिकार बना लेते हैं।
देश में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सबसे बड़ी ठगी उत्तर प्रदेश में ही हुई है और वो भी पीजीआई लखनऊ के डॉक्टर से। अगस्त महीने में पीजीआई लखनऊ की डॉक्टर रुचिका टंडन को ठगों ने सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट के झांसे में रखकर 2.81 करोड़ रुपए ट्रांसफर करा लिए। ठगों ने इस दौरान उन्हें ऑनलाइन कोर्ट में भी पेश किया। ठगों का हर नया तमाशा कुछ और पैसे ठगने का बहाना होता था।
रुचिका टंडन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लांड्रिंग केस की धमकी दी गई थी और बताया गया था कि उनका मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गोपनीय केस है इसलिए वो किसी को कुछ भी ना बताएं। अगस्त में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अप्रैल से अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 120 करोड़ रुपए से ऊपर की ठगी की जा चुकी थी।