ऋषिकेश, हर्षिता। ऋषिकेश के भानियावाला में सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे करीब 3400 पेड़ों के कटान के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज सुनवाई के दौरान उत्तराखंड के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जयराज भी याचिका में पक्षकार बने. उन्होंने इन पेड़ों के कटान को हाथी कॉरिडोर के लिए नुकसानदेह बताया है. कोर्ट ने उनसे इस मामले में सुझाव मांगे हैं. वहीं, मामले में सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और मुख्य वन्यजीव वार्डन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए.

वन विभाग का जवाब, एक तिहाई का किया जा सकता है ट्रांसप्लांट: आज यानी 4 अप्रैल को सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फोरलेन सड़क निर्माण की जद में आ रहे 3,400 पेड़ों में से एक तिहाई का ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने इस मामले में वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के विशेषज्ञों की मदद लेने को कहा. जिस पर सरकार ने बताया कि विशेषज्ञों को मौके पर जाकर रिपोर्ट देने में 4 हफ्ते का समय लग सकता है. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पेड़ों के कटान पर रोक जारी रखी. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तिथि निर्धारित की है.

पेड़ों को बचाने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई है याचिका: देहरादून निवासी रीनू पाल ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ऋषिकेश-भानियावाला के बीच सड़क चौड़ीकरण के लिए 3 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने के लिए चिन्हित किया गया है, जो कि एलीफेंट कॉरिडोर के बीच में आता है. जिसकी वजह से हाथी कॉरिडोर समेत अन्य जंगली जानवर प्रभावित हो सकते हैं. इसके बनने से जानवरों की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है. लिहाजा, इस पर रोक लगाई जाए. बता दें कि इससे पहले भी नैनीताल हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को संरक्षित किया गया था.

By DTI