देहरादून हर्षिता।हर साल दशहरा पर्व के दौरान हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल होते हैं. इसी क्रम में इस साल भी परेड ग्राउंड में हजारों की भीड़ देखने को मिली. लेकिन लोग इस बात से मायूस दिखाई दिए कि बारिश की वजह से लंका, मेघनाद, कुंभकरण और खुद रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जल पाया. हालांकि, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत कई विधायक भी शामिल हुए.

कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी ने कहा कि दशहरे का पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है, बल्कि यह पर्व हमें मानव जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के महत्व का बोध भी कराता है. यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है. दशहरे का पर्व हमें ये संदेश देता है कि अधर्म, अन्याय और अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंत में उसकी हार निश्चित है. रावण के पास अपार बल, सोने की लंका और शक्तिशाली सेना थी, लेकिन वह अपने अहंकार और अधर्म के कारण पराजित हुआ. यह त्योहार हमें सिखाता है कि अहंकार की ज्वाला स्वयं उस व्यक्ति का नाश करती है, जिसके भीतर अहंकार होता है.

By DTI