श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका व राहुल गांधी जी
प्रेषक आम कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी
मैं पंजाब से कांग्रेस पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं आज मैं आपसे पांच राज्यों में कांग्रेस की हार के कारणों बारे आपको बताना चाह रहा हूं कभी वह समय था जब कांग्रेस पार्टी को लोकसभा की 517 सीटों में से 420 सीटों पर विशाल विजय हासिल हुई थी और करीब 20 राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी लेकिन धीरे-धीरे यह फासला सिमट गया पिछले दो दशक से कांग्रेस के हाथ से जीत लगातार दूर होती जा रही है और अब आलम यह है की 1-2 राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार बची है अभी पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए जिसमें कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया
उत्तर प्रदेश को छोड़कर अगर बाकी चार राज्य में कांग्रेस की हार की बात की जाए तो इस बारे मैं छोटा सा कार्यकर्ता होने पर भी समझ सकता हूं कि कांग्रेस को बीजेपी या पंजाब में आम आदमी पार्टी ने नहीं हराया बल्कि इन राज्यों में कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया।
10 साल से जितने भी चुनाव हुए उसमें अगर कांग्रेस हारी तो वह भी आपसी गुटबाजी और कांग्रेस के बड़े नेताओं की बेलगाम बयान बाजी के कारण कांग्रेस को लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में अगर कोई कांग्रेस का नेता अनुशासन भंग करता था तो उस पर तुरंत एक्शन लिया जाता था लेकिन आजकल ऐसा बिल्कुल देखने को नहीं मिला जिसका जैसे दिल करता है वही कांग्रेस का चीर हरण कर कांग्रेस के खिलाफ ही बयान बाजी करते हैं ।

मैडम सोनिया गांधी जी मैं आपको छोटी सी मिसाल पंजाब की ही देना चाह रहा हूं जिसमें कांग्रेस ने अपने हाथ से मजबूत दिख रही जीत को कांग्रेस ने गवा दिया आप काग्रेस के इतने बड़े पद पर बैठी हुई हैं आप किसी भी राज्य की रिपोर्ट मंगवा कर देख लो कांग्रेस के नेताओं में किसी तरह का अनुशासन देखने को नहीं मिला कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी या आपने पार्टी से उनको निकाल दिया लेकिन सरेआम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी जो कि कांग्रेस की पटियाला से सांसद है सरे आम चुनाव में कैप्टन का साथ देती रही लेकिन कांग्रेस पार्टी चुपचाप तमाशा देखती रही इसी तरह सांसद मनीष तिवारी पंजाब में कांग्रेस की सरकार व केंद्रीय लीडरशिप को सार्वजनिक तौर पर मीडिया को इंटरव्यू जा प्रेस कॉन्फ्रेंस स्टेटमेंट में जमकर कोसते हुए नजर आए ऐसा ही हाल रवनीत सिंह बिट्टू का है जसबीर सिंह डिंपा एमपी ने तो अपने भाई को ना टिकट मिलने के कारण,कार्यकर्ताओ और भाई को ही अकाली दल में भेज दिया अमृतसर से एमपी गुरजीत औजला की भी लगातार कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी निरंतर चलती रही। लेकिन कांग्रेस की लीडरशिप ने इन नेताओं की गतिविधियों को लगाम लगाने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया।

सुना है एक जी 23 कांग्रेस का ग्रुप है। लेकिन अगर उसमें शामिल नेताओं की बात की जाए तो कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो कांग्रेस पार्टी को अपने दम पर भाजपा के मुकाबले में ला सकें और इनमें से अधिकतर वह नेता भी हैं जो कभी लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी मैं बड़े-बड़े पदाधिकारी रहे या कांग्रेस की सरकार में बड़े-बड़े मंत्री बने इनमें से कोई पंजाब का है तो कोई हिमाचल जान जम्मू कश्मीर का लेकिन अपने राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने की बजाय दिल्ली में बैठकर राजनीति कर रहे हैं सोनिया गांधी जी राहुल जी और प्रियंका जी आपके खासम खास नवजोत सिंह सिद्धू उनके तो रंग ही निराले रहे , चरणजीत सिंह चन्नी जिसको आपने पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया द्वारा अपने छोटे से मुख्यमंत्री कार्यकाल में पंजाब के लोगों के लिए जो काम किए गए उनके खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू बयान बाजी करते हुए नजर आए अगर जन्मी द्वारा कोई पंजाब के लोगों के लिए ऐलान किया जाता था तो उसके तुरंत बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चन्नी के फैसलों का विरोध कर देते थे ओर चन्नी साहिब व बाकी कांग्रेस कुछ नही कर पाई । करीब 4 5 माह से नवजोत सिद्धू कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं लेकिन उनके द्वारा केवल कांग्रेस के खिलाफ ही बयान बाजी के इलावा किसी जिलाध्यक्ष या ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक तक नहीं बुला पाए।

इसी तरह ही उत्तराखंड में देखने को मिला कांग्रेस के नेताओं की बेतुकी बयानबाजी व अपने ही नेताओं की टांगें खींचना लगातार चलता रहा और कांग्रेसियों ने भाजपा को थाली में परोस कर सत्ता दे दी हार के बाद भी नेताओं का बेतुकी बयानबाजी का सिलसिला खत्म नहीं हुआ अभी भी लगातार चल रहा है उत्तराखंड में दो बड़े चेहरे हरीश रावत और प्रीतम सिंह हार को लेकर एक दूसरे पर हमले बोल रहे हैं जिससे आम कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता जा रहा है जबकि 2 वर्ष बाद लोकसभा के चुनाव भी होने वाले हैं लेकिन आप सब आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं जबकि भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है और आपके यहां अभी हार के मंथन ही चल रहे हैं
एक छोटा सा कार्यकर्ता होने के कारण मैडम सोनिया गांधी जी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जी अगर आपने कांग्रेस को बचाना है तो आप को सख्त फैसले लेने पड़ेंगे और इस बात को सुनिश्चित करना पड़ेगा की पार्टी जो भी फैसला लें कोई भी नेता उस फैसले से किंतु किंतु परंतु नहीं करेगा अगर कोई इस फैसले का विरोध करेगा उसको बाहर का रास्ता दिखाना होगा अगर आप इस तरह के सख्त फैसले नहीं लेंगे तो इस तरह की हार हर चुनाव में होती रहेगी।

राहुल प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी जी आपको यह पत्र डाक रस्ते भी भेज रहा हूं और इसको सोशल मीडिया पर डाल रहा हूं ताकि कांग्रेस पार्टी का कोई कार्यकर्ता या नेता आप तक मेरे इस पत्र को पहुंचा सकें
आम कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी

हम इस पत्र को पूरे का पूरा ही अपने न्यूज़ पोर्टल में छाप रहे हैं

By DTI