नई दिल्लीपंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बनने जा रही है। दिल्ली के बाद पंजाब में बड़ी जीत दिलाकर अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से खुद को सिकंदर साबित कर दिया है। इस जीत के बाद केजरीवाल विपक्ष का बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं।डीटी आई न्यूज़।पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद केजरीवाल की नजर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर है। इसी साल इन दोनों राज्यों में भी चुनाव होने हैं। केजरीवाल ने खुद इस ओर इशारा किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि पंजाब की जीत से उत्साहित केजरीवाल इन दोनों राज्यों में भाजपा को कड़ा मुकाबला देने की तैयारी में हैं।
आप की जीत पर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ध्रुव राठी ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘1995 के बाद से, कांग्रेस गुजरात में भाजपा को हराने में विफल रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, यह शायद बेहतर होगा कि कांग्रेस चुनाव से हट जाए और आप को आगामी गुजरात चुनावों में भाजपा के साथ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने दे।’

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आपने सोशल मीडिया पर राबलूएंसर ध्रुव को एक बार लगाया। मूवी ने लिखा था, ‘1995 के बाद से, गुजरात में असफल रहने पर। बेहतर स्थिति को हराने वाले स्वस्थ से कुशल होने के लिए बेहतर होगा।

ध्रुव के इस ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया। इसी के साथ केजरीवाल ने ये भी इशारा कर दिया कि इस बार वह पूरी ताकत के साथ गुजरात ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा को टक्कर देंगे।
किन दो राज्यों पर है नजर
हिमाचल प्रदेश : उप-चुनाव में भाजपा खा चुकी है मात
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश अपने लिए बेहतर संभावनाएं देख रही है। यहां अभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 68 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बहुमत के लिए 35 सीटें चाहिए होती हैं। 2017 में भाजपा ने यहां 44 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि 21 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी। हर बार कांग्रेस और भाजपा के बीच ही कड़ा मुकाबला होता है, ऐसे में आम आदमी पार्टी इन दोनों पार्टियों का विकल्प बन सकती है।

2021 में यहां तीन विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए थे। तब कांग्रेस ने बीजेपी को झटका देते हुए उससे दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट छीन ली। एक पर कांग्रेस अपनी जीत बरकरार रखने में कामयाब हो गई। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हुए इस उप-चुनाव ने एक बड़ा संदेश दिया था। कहा जाने लगा था कि जनता सरकार से नाराज है। वहीं, कांग्रेस भी ज्यादा मजबूत नहीं है। केजरीवाल इसी का फायदा उठा सकते हैं।
गुजरात : सबसे कठिन लक्ष्य, लेकिन टक्कर देने के लिए तैयार
यहां 27 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। लगातार तीन बार नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गुजरात में मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनके सबसे करीबी अमित शाह राज्य के गृह मंत्री थे। अब मोदी प्रधानमंत्री हैं, वहीं अमित शाह गृहमंत्री हैं। शाह अब गांधीनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं। 2019 लोकसभा में उन्होंने 8.88 लाख मत हासिल किए थे। गुजरात में मोदी और शाह की जोड़ी काफी मजबूत मानी जाती है। मोदी-शाह के गृह राज्य में केजरीवाल के लिए ये लक्ष्य कठिन होगा, लेकिन वह कांग्रेस का मजबूत विकल्प बन सकते हैं।

By DTI