वाराणसी,डीटी आई न्यूज़।बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। लेकिन, अदालत ने यह भी कहा कि लोगों को नमाज अदा करने से रोका न जाए।
सिर्फ 20 लोगों को दी जाएगी प्रार्थना करने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उसे कुछ मुद्दों पर उनसे मदद की जरूरत है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को उस परिसर को सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया है। वजू खाना में प्रवेश प्रतिबंधित है और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए अनुमति दी जाएगी।


आयुक्त अजय कुमार मिश्रा को हटाया गया
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि वह ट्रायल कोर्ट को आदेश 7 नियम 11 (वादपत्र की अस्वीकृति के लिए) के तहत आपके आवेदन का निपटान करने का आदेश देगा। सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता अहमदी ने कहा कि वह निचली अदालत के एक आयुक्त की नियुक्ति सहित सभी आदेशों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं और यथास्थिति का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि ये आदेश अवैध है और संसद के कानून के खिलाफ है। वकील ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने सोमवार को आयुक्त द्वारा यह बताए जाने के बाद कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया है, परिसर में एक स्थान को सील करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि परिसर सील नहीं रह सकते और आदेश अवैध हैं। यदि परिसर को सील कर दिया जाता है, तो यथास्थिति में परिवर्तन होता है। पूजा स्थल अधिनियम की धारा 3 यह स्पष्ट करती है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश देने वाले वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई शुरू की।

हिंदू सेना के वकील सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि ज्ञानवापी मसले पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंध समिति वाराणसी की याचिका की सुनवाई में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने उनसे कहा कि वह भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहें। समझा जा रहा है कि दोपहर एक बजे शीर्ष कोर्ट में यह सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को सुनेगी

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में बिताए गए कमीशन की टीम के 12 घंटे बेहद अहम रोल निभाएंगे। तीन दिनों तक चली सर्वे की कार्रवाई के दौरान कमीशन की टीम परिसर के कोने-कोने से रूबरू हुई। तीन दिनों में 12 घंटे से अधिक समय तक चली कार्रवाई में खींची गईं 15 सौ तस्वीरों में ज्ञानवापी का सच दर्ज हो चुका है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी से ली गई तस्वीरें और वीडियो उनके दावे को और मजबूत करेगा। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां कुछ भी नहीं मिला है। 14 से 16 मई तक चली कमीशन की कार्रवाई की शुरुआत ज्ञानवापी परिसर के तहखाने की पश्चिमी दीवार से हुई थी। अंतिम दिन के सर्वे में वजुखाने के नीचे तक सर्वे की प्रक्रिया के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अहम मोड़ आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, कमीशन की कार्रवाई के दौरान नमाज वाली जगह पर हॉलनुमा बड़े कमरे की छत से लेकर फर्श तक की नक्काशी व कलाकृतियों ने हर किसी को चौंकाया।
कई आकृतियां ऐसी थीं, जो वादी पक्ष को रुककर देखने और उसकी फोटो और वीडियोग्राफी कराने पर विवश कर रही थीं। अदालत के आदेश के बाद 14 मई को कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्रवाई शुरू हुई।

By DTI