पहले धरना लगाओ पीड़ित परिवार को आश्वासन दिलाओ फिर जिस डॉक्टर के खिलाफ धरना लगाया उसको मिठाई खिलाओ गले मिलो और विवाद खत्म ?
( परविंदर कौर )राजनीति करने वाले अक्सर हर जगह राजनीति कर ही जाते हैं फिर चाहे किसी के घर के सदस्य की उस में मौत हो गई हो पर राजनीति करने वालों को क्या उन्हें तो राजनीति करने का मौका चाहिए पहले सड़क पर उतरा पीड़ित परिवार के लिए धरना लगाओ फिर मिठाई खिलाओ एक दूसरे को गले मिलो विरोधी के साथ और विवाद खत्म वाह रे राजनीति करने वालों

2 दिन पहले पीड़ित परिवार के पक्ष में जालंधर वेस्ट हलके के विधायक शीतल अंगुराल मैदान में उतरे थे और पीड़ित परिवार को पूर्ण आश्वासन दिलाया था कि वह उनको इंसाफ दिलवा कर रहेंगे

यह था मामला
बस्ती बावा खेल की महिला उर्मिला की डिलीवरी के बाद उसकी मौत हो गई थी। अस्पताल वालों ने बिल जमा करवाने के बाद शव देने के बात कही थी। इसके बाद परिवार वालों ने विधायक शीतल अंगुराल से बात की थी। इसके बाद विधायक और डा. के बीच बहसबाजी हो गई उन्होंने डाक्टर के खिलाफ विरोध किया और पुलिस ने डॉ. जौहल के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉ. जौहल के समर्थन में आई और शीतल के खिलाफ धरना दिया
वही इस मामले मेंकानूनी विशेषज्ञ अनुसार FIR-246 मृतक महिला उर्मिला के पति के बयानों पर दर्ज हुई है जिसमे SC/ST एक्ट की संगीन धाराएं जोड़ी गई हैं

और वही इस मामले में सबसे खास बात यह है कि जौहल हॉस्पिटल रामा मंडी सेंट्रल हलके में पड़ता और यह हल्का विधायक रमन अरोड़ा के अधीन आता है दूसरे विधायक के क्षेत्र में आकर राजनीति करना भी कहीं ना कहीं एक दूसरे को काटना ही समझो या फिर कहे की आम आदमी पार्टी के विधायक खुद की राजनीति चमकाने के चक्कर में अपने ही विधायक को पीछे धकेलने की भी राजनीति शायद करने लग गए हैं जबकि यह मामला विधायक रमन अरोड़ा द्वारा भी सुलझाया जा सकता था पीड़ित परिवार को रमन अरोड़ा के पास भेजा जाना चाहिए था ना कि पीड़ित परिवार को दूसरे विधायक के पडने वाले क्षेत्र में लेकर धरना लगाने पहुंच जाओ खुद की राजनीति चमकाने के चक्कर में वही ये भी सोचने वाली बात है कि यह मामला यदि वेस्ट हलके में हुआ होता और दूसरे क्षेत्र के विधायक द्वारा इस मामले को सुलझाने के लिए धरना दिया होता तो क्या वेस्ट हलके के विधायक को यह बात सही लगती

वहीं विधायक साहब ने विधायक रमन अरोड़ा की नाराजगी मोल ना लेने के लिए फैसला हो जाने के बाद उन्हें खाने पर भी बुला लिया फिर कल तक एक दूसरे के खिलाफ धरना लगाने वाले डॉक्टर जौहल और विधायक ने एक दूसरे के मुंह में मिठाई डालकर इस विवाद को इस मामले को सुलझा लिया है यह बात सामने आ रही है क्या इस विवाद में जिस महिला की मौत हो गई उनके पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला

वही इस विषय में जब हमने विधायक शीतल अंगुराल को फोन करना चाहा तो उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया हम विधायक से जानना चाहते थे कि आखिर यदि यह राजीनामा हुआ है तो किन शर्तों पर हुआ है । क्या इस राजीनामे में पीड़ित परिवार की सहमति भी है ।

बाकी डॉक्टर और विधायक के बीच किसी तरह का राजीनामा हुआ है। या नहीं इस बात की हम अभी पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करते

By DTI