तुर्की और सीरिया में भूकंप के चलते जबर्दस्त तबाही मची है। हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और भूकंप के झटके अभी थमे नहीं हैं। इस बीच भारत में भी इतना ही खतरनाक भूकंप आने की चेतावनी जारी की गई है। यह चेतावनी जारी की है हैदराबाद स्थित नेशनल जियोग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) के चीफ सिस्मोलॉजी साइंटिस्ट डॉक्टर एन पूर्णचंद राव ने। डॉक्टर राव के मुताबिक इस भूकंप का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड पर नीचे की सतह में तनाव बनेगी वजह डॉक्टर राव ने बताया कि उत्तराखंड क्षेत्र में नीचे की सतह में काफी तनाव बन रहा है। यह आने वाले समय में किसी बड़े भूकंप की वजह बन सकता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस भूकंप की तारीख और समय की भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती, लेकिन यह बेहद घातक होगा। डॉक्टर राव ने भी कहा कि इस भूकंप की तारीख और समय की भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती, लेकिन यह बेहद घातक होगा। डॉक्टर राव ने बताया कि हमने उत्तराखंड को फोकस करते हुए हिमालयी क्षेत्र में 80 सेस्मिक स्टेशन बनाए हैं। हम रियल टाइम में यहां की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
इलाके में लगाए हैं जीपीएस नेटवर्क डॉक्टर राव के मुताबिक हमने इलाके में जीपीएस नेटवर्क स्थापित किए हैं। इसमें जो मूवमेंट हो रहा है, वह दिखा रहा है कि सतह के नीचे कुछ हरकत हो रही है। राव ने कहा कि इन हरकतों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि देर-सबेर उत्तराखंड एक खतरनाक भूकंप का सामना करने वाला है। बता दें कि उत्तराखंड जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाएं पहले ही हो रही हैं। वहीं, 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा भी शुरू होने वाली है, जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं।

यह भूकंप होते हैं खतरनाक

जानकारी के मुताबिक 8 या इससे ज्यादा मैग्नीट्यूड के भूकंप खतरनाक भूकंपों की श्रेणी में आते हैं। तुर्की में जो भूकंप आया था वह 7.8 मैग्नीट्यूड का था। राव ने कहा कि मैग्नीट्यूड के पैमाने पर देखें तो तुर्की का भूकंप बहुत घातक श्रेणी का नहीं था। लेकिन तुर्की में कई अन्य वजहों ने तबाही में भूमिका निभाई। इनमें से एक यहां पर खराब क्वॉलिटी का निर्माण भी शामिल है।

By DTI