Harshita। वैसे हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा बनाई जाती है। क इस बार 18 सितंबर का संयोग बना है। यही नहीं इसी तारीख को दो और त्योहार भी विश्वकर्मा पूजा के साथ एक ही दिन पड़ रहे हैं, तीज और चौथ चंद्र व्रत की पूजा जिसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और इसी दिन चौथ चंद्र पर्व भी मनाया जाता है। यह त्यौहार 18 सितंबर को मनाया जाएगा। इस त्यौहार पर चंद्र देव की पूजा अर्चना की जाती है।

प्रचलित कथा के अनुसार एक बार चंद्रमा को अपने तेज और रूप रंग पर इतना अभिमान हो गया कि उन्होंने भगवान गणेश का भी अपमान कर दिया। इससे गणपति नाराज हो गए और उन्होंने चंद्रमा को बदसूरत होने का श्राप देते हुए कहा कि जो भी चतुर्थी की चांद को देखेगा उस पर झूठा कलंक लगेगा। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन शाम के समय भगवान गणेश के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा करते हैं वह चंद्र दोष से मुक्त हो जाते हैं। भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 सोमवार को सुबह 10:41 से प्रारंभ हो जाएगी। इस दौरान सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा।

ये एक अनोखा संयोग है, कि तीनों त्यौहार एक ही दिन पड़ रहे हैं। वैसे हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को पड़ती है। सनातनी त्यौहारों का अंग्रेजी तारीख से कोई लेना-देना नहीं होता। यह संक्रांति के अनुसार मनाई जाती है। इस वर्ष संक्रांति 18 सितंबर को है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा इस बार 18 सितंबर को की जाएगी

By DTI