चंडीगढ़, संजीव मेहता।कनाडा के वैंकुवर में अज्ञात युवकों की गोली का शिकार बना हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा का रहने वाला था और खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 40 मोस्ट वांटेड आतंकियों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम था।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इसके विरोध में कार्रवाई करते हुए कनाडा के सीनियर डिप्लोमैट को पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा है। इस बीच दावा किया गया कि आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाले कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों के ठिकाने कनाडा में हैं। यह भी कहा गया कि कई प्रत्यर्पण अनुरोधों के बावजूद कनाडा ने लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित जघन्य अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
कनाडा से अपने काम को अंजाम दे रहे अलगाववादी संगठन
अधिकारियों ने कहा कि विश्व सिख संगठन (डब्ल्यूएसओ), खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ), सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) जैसे खालिस्तान समर्थक संगठन पाकिस्तान के इशारे पर कथित तौर पर कनाडा की धरती से स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।
आतंकियों के निर्वासन के अनुरोध सालों से लंबित
अधिकारियों ने कहा कि भारत में कई मामलों में वांछित आतंकियों के निर्वासन के अनुरोध कनाडाई अधिकारियों के पास सालों से लंबित हैं। इतना ही नहीं भारतीय अधिकारियों ने यह आरोप भी लगाया कि इन लोगों के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी लंबित है।
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने गुरप्रीत सिंह के निर्वासन का अनुरोध किया था। साथ ही उसका कनाडा का पता भी दिया था, लेकिन कनाडा मूक बना रहा। उसके अलावा, 16 आपराधिक मामलों में वांछित अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला, पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले सतिंदरजीत सिंह बराड़ उर्फ गोल्डी बराड़ के खिलाफ भी कनाडा की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि अलगाववादी संगठन खुलेआम हत्या की धमकियां दे रहे हैं। अलगाववादियों के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत में लक्षित हत्याएं कर रहे हैं। लेकिन भारत की चिंताओं के बाद भी कनाडा कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडाई अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं। उनकी टिप्पणियों के पीछे कोई आधार नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि वांछित आतंकवादियों और गैंगस्टरों के निर्वासन का मुद्दा भारतीय अधिकारियों द्वारा कई राजनयिक और सुरक्षा वार्ताओं में उठाया गया है। बावजूद इसके कनाडा इन आतंकवादी तत्वों का समर्थन करता रहा। वे भारत की चिंताओं के प्रति अनिच्छुक और निर्लज्ज बने रहे। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में शामिल आठ लोगों और पाकिस्तान की आईएसआई के साथ साजिश रचने वाले कई गैंगस्टरों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है।