देहरादून, हर्षिता।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि फोरेंसिक साइंस के उपयोग और आईपीसी, सीआरपीसी तथा एविडेंस कानून को बदलने वाले तीन नए कानूनों से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अमृतकाल में एक नए युग में प्रवेश कर रही है।

ये देश के हर नागरिक को सुरक्षा भी प्रदान करेंगे और आंतरिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग किए बिना यह संभव ही नहीं है। गृहमंत्री शाह देहरादून में भारतीय अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस (एआईपीएससी) के उद्घाटन पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में बदलाव न होने के कारण अदालतों में मामलों का जमावड़ा देखना पड़ता था और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली देरी के लिए बदनाम हो चुकी थी।

मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों के मुद्दे उठाए
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने-अपने राज्यों से जुड़े मुद्दे रखे। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। 

परिषदों की भूमिका एक्शन प्लेटफार्म के रूप में बदली : शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में कारगर साबित हुई है। मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों का देश के जीडीपी और विकास में बहुत बड़ा योगदान है। ये राज्य देश में कृषि, पशुपालन, अनाज उत्पादन, खनन, जलापूर्ति और पर्यटन का प्रमुख केंद्र हैं। इन राज्यों के बिना जलापूर्ति की कल्पना ही नहीं की जा सकती।

By DTI