दिव्य टाइम्स इंडिया।बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा के उत्सव के दौरान बुराई के प्रतीक के रूप में रावण का पुतला दहन किया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारे दिनचर्या की कई गड़बड़ आदतें भी सेहत के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं हैं। इस दशहरे के पर्व पर आइए प्रण लेते हैं कि इन बुरी आदतों का ‘दहन’ करेंगे। मतलब दिनचर्या की कुछ गड़बड़ आदतों को छोड़कर आप बेहतर सेहत की तरफ एक कदम बढ़ा सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि आप आहार और दिनचर्या को ठीक रखें। आइए जानते हैं कि हमारे लिए कौन सी आदतों को नुकसानदायक माना जाता है जिनसे अभी से दूरी बना लेना बहुत आवश्यक है?

लगातार बैठने की आदत में करें सुधार

लगातार बैठे रहना या फिर शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना आपकी सेहत के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। शोध से पता चलता है कि लंबे समय तक बैठे रहने से हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। आप जितना अधिक समय बैठे-बैठे बिताएंगे, समय से पहले मृत्यु का जोखिम भी उतना ही अधिक होगा।

2017 के एक अध्ययन में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 7,985 वयस्कों की गतिविधि पर नजर रखी गई, इसमें पाया गया कि जिन लोगों ने दिन का ज्यादातर समय बैठे-बैठे बिताया था, उनमें क्रोनिक बीमारियों का जोखिम अधिक था।

बहुत अधिक चीनी-नमक का सेवन 

चीनी और नमक दोनों का अधिक सेवन सेहत के लिए नकारात्मक हो सकता है। अधिक चीनी के सेवन को हृदय रोग, लिवर-किडनी की बीमारी और मधुमेह के खतरे से जोड़कर देखा जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक पुरुषों को प्रतिदिन 9 चम्मच और महिलाओं के लिए प्रतिदिन 6 चम्मच से अधिक चीनी न खाने की सलाह देता है।

इसी तरह नमक का अधिक सेवन करना हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाने वाला हो सकता है, जो हृदय रोगों का प्रमुख कारण है।

शराब और धूम्रपान दोनों हानिकारक

विशेषज्ञों का कहना है शराब और धूम्रपान दोनों हमारी सेहत के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं हैं। शराब पीने को हाई ब्लड प्रेशर, हृदय और लिवर रोग, स्ट्रोक और कैंसर सहित कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण माना जाता है। शराब का सेवन अवसाद, चिंता और अनिद्रा जैसे विकारों को भी बढ़ाने वाला हो सकता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर देती है।

इसी तरह से धूम्रपान के कारण फेफड़ों की सेहत पर नकारात्मक असर होता है, मस्तिष्क और तंत्रिकाओं पर भी इसके दुष्प्रभाव देखे गए हैं।

नींद के साथ कोई समझौता नहीं

नींद की कमी को मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, खराब मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग नींद पूरी नहीं करते हैं उनमें संज्ञानात्मक समस्याओं का खतरा अधिक होता है।

क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक और नींद विशेषज्ञ माइकल ब्रूस कहते हैं उम्र के साथ आने वाले जैविक परिवर्तनों के कारण नींद की समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है, ये आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली हो सकती है। सभी लोगों को प्रतिदिन 6-8 घंटे नींद लेने की सलाह दी जाती है।

By DTI