नई दिल्ली।दिव्या टाइम्स इंडिया। विपक्षी गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं बैठक में बिहार सीएम और जदयू के नेता नीतीश कुमार ने संयोजक पद ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि उनकी संयोजक बनने की कोई इच्छा नहीं है बल्कि वह चाहते हैं कि गठबंधन जमीन पर मजबूत बने और बढ़ता रहे। विपक्षी गठबंधन की वर्चुअल बैठक में नीतीश कुमार ने सलाह दी कि कांग्रेस में से किसी को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए। गौरतलब है कि पिछली बैठक में भी टीएमसी चीफ ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की बात कही थी।
विपक्षी गठबंधन (INDIA Alliance) के शीर्ष नेतृत्व की आज हुई बैठक में गठबंधन को मजबूत करने, सीट बंटवारे के लिए रणनीति बनाने और गठबंधन का संयोजक बनाने पर चर्चा हुई। यह बैठक वर्चुअली हुई, जिसमें 10 पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक में नीतीश कुमार, एमके स्टालिन, शरद पवार, डी राजा, मल्लिकार्जुन खरगे, उमर अब्दुल्ला, राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, लालू यादव-तेजस्वी यादव, अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। हालांकि बैठक से पहले ही विपक्ष को झटका लगा जब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे भी विपक्षी गठबंधन की इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
नीतीश कुमार बोले- किसी पद में कोई रुचि नहीं
विपक्षी गठबंधन के संयोजक पद के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा थी। जदयू नेताओं के बयान से भी ऐसा लगा था कि पार्टी नीतीश के लिए संयोजक का पद चाहती है, लेकिन अब खुद नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि उनकी संयोजक बनने में कोई रुचि नहीं है। बैठक में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर भी चर्चा हुई। कांग्रेस की यह यात्रा रविवार यानी 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू होगी। इससे पहले शुक्रवार शाम को कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के आवास पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की भी बैठक हुई, जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा हुई। विपक्षी गठबंधन की बैठक को लेकर भाजपा सांसद दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होंने कहा ‘विपक्षी गठबंधन कोई काम नहीं करता और सिर्फ बैठकें करता है। कुछ नहीं होगा और जल्द ही यह गठबंधन टूट जाएगा।’