देहरादून, हर्षिता।उत्तराखंड के इतिहासकार यशवंत सिंह कठोच को मिलेगा पद्मश्री, शिक्षा के क्षेत्र में दीं सेवाएंडॉ. कठोच पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1974 में आगरा विवि से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में विवि में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के गढ़वाल हिमालय के पुरातत्व पर शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया और विवि ने उन्हें डीफिल की उपाधि से नवाजा। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 33 साल सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए।
डॉ. कठोच पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1974 में आगरा विवि से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में विवि में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के गढ़वाल हिमालय के पुरातत्व पर शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया और विवि ने उन्हें डीफिल की उपाधि से नवाजा। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 33 साल सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए।
डॉ. कठोच भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में निरंतर शोध कर रहे हैं। वह वर्ष 1973 में स्थापित उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं। उनकी मध्य हिमालय का पुरातत्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद-चिन्ह, मध्य हिमालय की कला: एक वास्तु शास्त्रीय अध्ययन, सिंह-भारती सहित 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध और मध्य हिमालय के पुराभिलेख पुस्तकें जल्द प्रकाशित होंगी।