हरिद्वार/लक्सर, हर्षिता।एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल की टीम का एक और शानदार वर्कआउट
समय रहते हरिद्वार पुलिस की सजकता आई काम, प्रकरण में किया दूध का दूध, पानी का पानी
भावनाएं भड़काकर माहौल खराब करने की बड़ी साजिश का हरिद्वार पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश
अपने ही भाई के अपहरण का षड़यंत्र कर आरोपियों ने किया था कोतवाली लक्सर का घेराव
अपह्रत की तलाश में जुटी टीम ने 12 घंटे के भीतर फर्जी अपहरण का किया पर्दापाश
वादी समेत कई हिरासत में, किया चालान
हरिद्वार पुलिस की कार्यशैली की सराहना
एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह द्वारा मीडिया को सच्चाई से कराया रू-ब-रू
दिनांक 25.02.2024 को वादी कुलदीप निवासी प्रतापपुर लक्सर ने कोतवाली पर तहरीर देकर अपने ही गांव के दिनेश, अरविन्द, चांदवीर, गुड्डू, भोला व मंगलू पर दिनांक 24.05.2024 को द्वारा शिकायतकर्ता के भाई मोहित उर्फ टीनू के साथ मारपीट कर उसका अपरहण करने का आरोप लगाया। सूचना पर कोतवाली लक्सर पर तत्काल मु0अ0सं0 479/2024 पंजीकृत किया गया।
तुरंत एक्शन में आयी हरिद्वार पुलिस-
प्रकरण दो अलग-अलग जातियों से जुड़े परिवारों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर प्रवृत्ति का था। मामले की जानकारी होते ही एस.एस.पी. प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा तत्काल सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में टीमें गठित कर मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने के निर्देश जारी किए।
पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल जाकर घटना के सम्बन्ध में पूछताछ करने तथा आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेजो को खंगालते हुये अपह्रत व घटना से सम्बन्धित अन्य लोगों की मोबाइल लोकेशन की जांच पड़ताल शुरु की गयी तो घटना में संदिग्धता प्रतीत हुई।
विभिन्न कड़ियां जोड़ते हुए अपहृत तक पहुंचने में जुटी टीम को जानकारी मिली कि अपह्रत अपने भांजे दर्शन के साथ था। मोबाइल बन्द होने से पूर्व भी मामा-भांजे की लोकेशन एक स्थान पर पायी गयी। लगातार प्रयासों के बाद अपह्रत मोहित को उसके भांजे दर्शन के घर जियापोता कनखल हरिद्वार से सकुशल बरामद किया गया।
बरामदगी से सामने आया षड़यंत्र-
पूछताछ मे मोहित द्वारा बताया कि दिनांक 24.05.2024 की रात्रि में मेरा विपक्षी चांदवीर व गुड्डू के साथ जे0सी0बी0 मशीन के शीशे टुटने को लेकर हुये विवाद में विपक्षी पर दबाव बनाने के लिये व अपहरण का झूठा अभियोग दर्ज कराने हेतु वादी मुकदमा कुलदीप व दर्शन के साथ मिलकर अपने अपहरण की योजना की साजिश बनायी थी। विवाद के पश्चात मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ उसकी गाड़ी से जियापोता जाकर छिप गया और वादी मुकदमा उपरोक्त द्वारा अन्य परिजनों व गांव के साथ मिलकर अपने भाई मोहित के अपहरण करने की अफवाह फैलाकर मुकदमा दर्ज कर विपक्षीगण के गिरफ्तारी का दबाव बनाने का प्रयास किया गया था।
पूछताछ व जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपहरण व फायरिंग की सूचना झूठी पायी गयी है। वादी मुकदमा कुलदीप व घटना की साजिश में सम्मिलित मोहित व दर्शन उपरोक्त के विरुद्व पुलिस एक्ट के अन्तर्गत चालान करते हुये मुकदमा उपरोक्त में भी नियमानुसार विधिक कार्यवाही का जा रही है।