स्वामी सहाजनंद ने अवधूत मंडल श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी रुपेंद्र प्रकाश को 31 किलो 800 ग्राम का यंत्र किया भेंट –
हरिद्वार हर्षिता : विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र प्राचीन अवधूत मंडल उत्तराखंड हरिद्वार में स्थापित होगा। हरिद्वार से हिसार पधारे अवधूत मंडल के परमाध्यक्ष श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी रुपेन्द्र प्रकाश महाराज को सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान के चेयरमैन स्वामी सहजानंद सरस्वती ने यह यंत्र भेंट किया।
सहजानंद सरस्वती ने बताया कि 2 वर्षों के परिश्रम के बाद इस यंत्र को तैयार किया जो अब हरिद्वार में श्रद्धालुओं को सकारात्मक व दैवीय ऊर्जा प्रदान करेगा और हरिद्वार सहित पूरे विश्व की रक्षा सुरक्षा के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा। उन्हें विश्वास है कि इस महामृत्युंजय यंत्र से करोड़ों शिव भक्त लाभान्वित होंगे। इसके दर्शन से सभी को अलौकितता की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि ‘महामृत्युंजय जग के आधारा जपे नाम सो उतरे पारा।’ महामृत्युंजय मंत्र प्राकृतिक आपदा को हर लेता है और यह मंत्र बोलने, पढऩे से व्यक्ति के अंदर मानसिक बल बढ़ता है और रोगों से लडऩे की शक्ति मिलती है।
महामण्डलेश्वर स्वामी रुपेन्द्र प्रकाश ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती ने ये जो आलौकिक दिव्य यंत्र तैयार किया है उससे हरिद्वार में आने वाली सभी भक्त लाभान्वित होंगे। सावन की महाशिवरात्रि पर इसे स्थापित किया जाएगा उससे पहले रुद्रयज्ञ और महामृत्युंजय मंत्रोच्चारण के साथ इस यंत्र को प्रतिष्ठित किया जाएगा। अवधूत मंडल में इस महामृत्युंजय यंत्र के दर्शन नि:शुल्क रहेंगे। स्वामी रुपेंद्र महाजराज ने कहा कि महामृत्युंय ही इस समय जग के आधार हैं तथा वर्तमान महामारी के दौर में महामृत्युंजय मंत्र के जप करने वाले व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक व आत्मिक बल मिलता है जिससे रोगों से लडऩे की उसकी शक्ति कई गुणा बढ़ जाती है। महामृत्युंजय मंत्र एक बेहद शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है।