देहरादून, हर्षिता। अपनी पंचायत में बेहतरीन काम करने के लिए देशभर की 150 महिला जनप्रतिनिधियों को केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। उत्तराखंड की चार महिला जनप्रतिनिधियों का भी चयन इस सम्मान के लिए किया गया है। इनमें पौड़ी की मनीषा बहुगुणा, पिथौरागढ़ की ममता बोरा, विकासनगर की तबस्सुम इमरान और दून की मीनू छेत्री शामिल हैं।
पौड़ी: ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रहीं मनीषा
विकास खंड खिर्सू के ग्राम पंचायत मरखोड़ा की ग्राम प्रधान मनीषा बहुगुणा को स्वतंत्रता दिवस पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। वह ग्राम पंचायत में मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं। मनीषा गांव में 60 से अधिक ग्रामीण महिलाओं, युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिला चुकी हैं। 25 महिलाओ को सिलाई प्रशिक्षण दिया, जो सिलाई सेंटर चला आजीविका चला रही हैं। वह ग्रामीणों को जैम, जैली, जूस व रिंगाल की टोकरी सहित अन्य उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिला चुकी हैं। पंचायत में बांज, काफल, बुरांश सहित अन्य कई प्रजाति के पौधे रोपकर हरा-भरा जंगल भी तैयार कर चुकी हैं। सेब का बगीचा भी विकसित कर रही हैं। उन्हें उत्तराखंड गौरव रत्न व महिला सशक्तीकरण पुरस्कार मिल चुका है। वह श्रीनगर में अपना कंप्यूटर सेंटर छोड़ रीवर्स पलायन कर महिलाओं के सशक्तीकरण में जुटी हैं।
सबसे छोटी उम्र में पहली बार ग्राम प्रधान बनने का रिकॉर्ड भी ममता बोरा के नाम है। ममता का चयन उनकी ओर से अपनी ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त बनाने, ग्राम पंचायत में सर्वाधिक शौचालयों का निर्माण कराने, लोगों को जागरूक कर प्लास्टिक कचरे को कम करने के उपाय करने, सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने पर किया गया। ममता बोरा ने बताया कि 13 अगस्त को वह दिल्ली जाएंगी। 15 अगस्त के कार्यक्रम में प्रतिभाग करने का आमंत्रण उन्हें मिल गया है।
दिल्ली के लालकिले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विकासनगर ब्लाक की केदारावाला ग्राम पंचायत की प्रधान तबस्सुम इमरान को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने अपनी पंचायत में लगभग सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया है। उनके कराए गए विकास कार्य व सरकारी विभागों से सामंजस्य बनाकर योजनाओं के क्रियान्वयन से सीख हासिल करने के लिए विभिन्न राज्यों के दल उनकी पंचायत में शैक्षिक भ्रमण के लिए आते रहे हैं।
सहसपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत पुरोहितवाला एक तरफ आर्मी कैंट और दूसरी तरह फॉरेस्ट से घिरा हुआ है। प्रधान मीनू छेत्री ने बताया कि राजस्व ग्राम में विकास कार्य कराने के लिए उन्हें कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है ग्राम पंचायत में गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत टीकाकरण कराने, घर-घर पेयजल, ग्राम पंचायत में ठोस व तरल अपशिष्ट का संग्रहण करने की वजह से उन्हें यह सम्मान मिल रहा है। 2008 में पहली बार प्रधान निर्वाचित होने के बाद उन्होंने पहल करते हुए बाण गंगा नदी के बरसाती पाने के संग्रहण को चेक डेम बनाकर पानी टैंक के जरिये घरों तक पहुंचाया।