देहरादून/हरिद्वार ।हर्षिता।हरिद्वार में साथियों के साथ मिलकर बैंक में डकैती डालने वाले एक बदमाश को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 24 साल बाद तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है।
बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था जोकि इन दिनों पहचान छिपाकर सड़क किनारे कपड़े बेच रहा था। डकैती उस समय पड़ी थी जब मौजूदा पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार उस समय हरिद्वार में एसएसपी
जबकि एसीएफ के सीओ आरबी चमोला एसओजी प्रभारी थे।
एसएसएसपी एसटीएफ नवनीत ङ्क्षसह के मुताबिक वर्ष 2004 में हरिद्वार में इलाहाबाद बैंक में डकैती पड़ी थी। उस वक्त तत्कालीन एसएसपी (वर्तमान डीजीपी ) अभिनव कुमार ने सभी डकैतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। इसमें एक बदमाश टीपू यादव घटना के करीब एक महीने में पुलिस मुठभेड़ के दौरान हरिद्वार में मारा गया था। जबकि, घटना में शामिल एक बदमाश उदय उर्फ विक्रांत निवासी ग्राम खेरकैमा जिला पटना बिहार तब से लगातार फरार चल रहा था। पुलिस तब से लेकर अब तक उसकी ढूंढ़ में थी। घर की कुर्की तक कराई। लेकिन, वो पकड़ से बाहर था। इसको लेकर पुलिस हेडक्वार्टर ने एक लाख रुपए ईनाम की घोषण की थी। इस बीच एसटीएफ टीम को डकैत के बारे में सूचना मिली कि वो तमिलनाडु में कहीं पर छिपकर रह रहा है।
एसटीएफ की टीम तमिलनाडृ के जनपद वेल्लोर पहुंची और शातिर बदमाश को दबोचा। दिनदहाड़े हुई थी डकैतीएसएसएसपी एसटीएपफ के मुताबिक 17 दिसंबर 2004 को दिनदहाड़े बदमाश इलाहाबाद बैंक हरिद्वार में तमंचे लेकर घुसे। पूरे स्टाफ को बंधक बनाया और हेड कैशियर व प्रबंधक परिचालन को तमंचा दिखा कर उनसे चाबी ली। उसके बाद 9 लाख लूटकर फरार हो गए। मामले में कोतवाली में केस दर्ज हुआ था।पुलिस टीम को किया था बेहोशबताया गया, गिरोह का सरगना टीपू यादव निवासी पटना विहार को हरिद्वार पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया। जब उसे ट्रेन में हरिद्वार लाया जा रहा था, उसने पुलिसकर्मियों को खाने में कोई नशीली वस्तु खिलाकर बेहोश कर फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने उसको एक माह बाद मुठभेड़ में मार गिराया गया था। बाकी घटना में शामिल 3 अन्य बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।