हरिद्वार, हर्षिता। गंगा नदी में बाढ़ से होने वाले कटाव और जलभराव से बचने के लिए शासन की नीति के अनुरूप रिवर ड्रेजिंग का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य का उद्देश्य गंगा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करना, बाढ़ और कटाव से बचाव करना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है। साथ ही, गंगा नदी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, इसके संरक्षण के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि, कुछ तथाकथित संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा इस आवश्यक कार्य के संबंध में भ्रम और अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है।
गंगा नदी में बाढ़ और जलभराव की स्थिति
हरिद्वार जिले में कनखल, लक्सर और अन्य क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति गंगा नदी में अत्यधिक वर्षा और छोड़े गए अतिरिक्त पानी की वजह से उत्पन्न होती है।
वर्ष 2023 में मानसून सत्र के दौरान गंगा नदी में छोड़े गए जल की मात्रा:
जुलाई 2023 में जलस्तर 292.95 मीटर तक पहुंचा, और 1,90,490 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
अगस्त 2023 में जलस्तर 293.40 मीटर पर पहुंचा, और 2,23,232 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
जब गंगा नदी में वर्षा की मात्रा अधिक होने के कारण पानी अधिक आता है, तो गंगा नदी के साथ-साथ इसके जितने भी एस्केप चैनल हरिद्वार में हैं, सभी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि होती है। इसी कारण से हरिद्वार शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है।
वर्ष 2023 में बाढ़ का प्रभाव:
3894 परिवार प्रभावित।
15796 लोग प्रभावित।
28 करोड़ रुपये मूल्य की फसलें बर्बाद।
48 सड़क मार्ग बाधित या क्षतिग्रस्त।
गंगा नदी में सिल्ट का जमाव और किनारों का कटाव बाढ़ का मुख्य कारण है। रिवर ड्रेजिंग के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान संभव है।
वर्तमान नीतियों और कानूनों का अनुपालन
रिवर ड्रेजिंग कार्य रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधान:
धारा 30(2)(v): जिला प्राधिकरण को आपदा प्रबंधन के लिए कार्य करने का अधिकार।
धारा 34(क): जिला अधिकारी को आपदा से बचाव के लिए त्वरित कार्रवाई का अधिकार।
धारा 34(म): आपदा प्रबंधन नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन।
इन नीतिगत प्रावधानों के आधार पर कार्य आदेश जारी किया गया है, और यह विधिक रूप से पूर्णत: वैध है।
अवैध खनन और कार्रवाई
अवैध खनन के मामलों में शासन द्वारा सख्त कार्रवाई की गई है।
138 स्टोन क्रशरों पर आरोपित धनराशि: 10 करोड़ 29701 रुपये।
वसूली: 57 लाख 97569 रुपये।
161 अवैध खनन/भंडार मामलों में आरोपित धनराशि: 14 करोड़ 134234 रुपये।
वसूली: 46 लाख 31785 रुपये।
276 वाहनों पर वसूली गई धनराशि: 92 लाख 48486 रुपये।
अन्य लंबित राशि नीतियों के प्रावधानों के तहत अपील और सुनवाई की प्रक्रियाओं में है।
गंगा नदी और क्षेत्रीय विकास के लिए रिवर ड्रेजिंग का महत्व
रिवर ड्रेजिंग का कार्य न केवल गंगा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करता है, बल्कि यह बाढ़ और कटाव से बचाव में भी सहायक है।
कटाव और बाढ़ से बचाव:
तिलकपुरी, श्यामपुर, कांगड़ी, और लक्सर जैसे क्षेत्रों के लिए यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में योगदान:
गंगा नदी से निकले उप खनिजों का उपयोग राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण जैसे परियोजनाओं में किया जा रहा है।
राजस्व प्राप्ति और पर्यावरणीय संतुलन:
शासन को राजस्व की प्राप्ति के साथ-साथ नदी के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखा जा रहा है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का संरक्षण:
गंगा नदी के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए यह कार्य तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में किया जा रहा है।
उप जिलाधिकारी हरिद्वार एवं जिला खान अधिकारी
हरिद्वार, उत्तराखंड