रिखणीखाल प्रभुपाल सिंह रावत। रोजाना की तरह सुर्खियो में रहने वाला रिखणीखाल के निडर,निष्पक्ष समाजसेवी श्री सुमन नेगी निवासी सिरस्वाडी का कहना है कि ऑगनबाडी कार्यकत्रिया कुछ ग्राम पंचायतो के ऑगनबाडी केन्द्र के बच्चों को पूरा राशन सामाग्री नहीं देते तथा केन्द्र में फर्जी नाम पंजीकरण कर रखे हैं।जिसका कि वह राशन अन्य सामाग्री स्वयं उपभोग करते हैं।समाज सेवी सुमन नेगी पहले भी कयी बार चर्चित रहे हैं जैसे उनके गाँव में सत्रह शौचालय का भुगतान न होना और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व प्रधानो का डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग होना आदि।अब इस बार उन्होंने प्रशासन व ऑगनबाडी के सर्वे सर्वा कहे जाने वाले अधिकारियो का ध्यानाकर्षण राशन वितरण व अन्य घोटालो पर किया है।वे स्पष्ट कहते हैं कि ऑगनबाडी केन्द्र में बच्चो का राशन नियमित,सही मात्रा,सही गुणवत्ता आदि के साथ नहीं मिलता है।कुछ केन्द्रो में फर्जी नाम गलत दस्तावेज के साथ अंकित हैं।कयी बच्चे जो गाँव से बाहर शहरो में है उनके नाम भी अंकित है जैसे कोटद्वार,देहरादून,रामनगर आदि।जांच करने पर कयी अन्य बाते भी उजागर होगी।बशर्ते जांच मे लीपापोती,भाई भतीजावाद रोडा न बने।लेकिन दुर्भाग्य है हमारा कौन बिल्ली के गले में घंटी बान्धेगा?
विगत वर्ष नवंबर 2020 में रिखणीखाल के बाल विकास परियोजना कार्यालय की शिकायते वहीं कार्यरत ऑगनबाडी कार्यकत्रियो ने की थी जिसे रिखणीखाल व प्रदेश अच्छी तरह जानता है जिसकी शिकायत सी डी पी ओ जहरीखाल,डी पी ओ पौडी,जिलाधिकारी गढ़वाल,बाल विकास सचिव उत्तराखंड शासन,आदि अनेक अधिकारियो को भेजी लेकिन सब जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में रह गयी।इसका मतलब दाल में कुछ काला था लेकिन अब पता चल रहा है कि पूरी दाल ही काली थी जिससे जांच अटक गयी।
इस प्रकरण को अनेक न्यूज चैनल व न्यूज पोर्टल ने प्रमुखता से चलाया जैसे पहाड टी वी,अन्तिम विकल्प,पर्वतजन,हिमालय दर्पण,लोक संहिता आदि।इस प्रकरण को प्रदेश महिला कांग्रेस महामंत्री श्रीमती रंजना रावत ने उपजिलाधिकारी कोटद्वार,लैंसडौन के माध्यम से मुख्य मंत्री जी को ज्ञापन भेजा था।
अब क्या शासन प्रशासन व ऑगनबाडी के अधिकारी इस घोटाले की जांच कर पायेगे?ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।
रिपोर्ट संकलन- मंगत सिंह रमोला समाजसेवी व आर टी आई कार्यकर्ता।