दिव्या टाइम्स इंडिया, सर्दियों का मौसम आने के बाद शीतलहर, कोहरा और की ठंड से जनजीवन प्रभावित होता है. इंसान तो इंसान, जानवर भी इसी जुगत में रहते हैं कि कैसे थोड़ी गर्मी मिल जाए.
एक चीज है, जो आपको ठंड के कारण पैदा हुई कई समस्याओं से मुक्ति दिला सकती है और वह है आयुर्वेद में ‘गुणों के खान’ की उपाधि हासिल करने वाला अदरक.
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद’
मुहावरा है कि बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद. बंदर अदरक का स्वाद नहीं जानते, आइए जानते हैं क्यों. इस लोकप्रिय मुहावरे को हम आम तौर पर अपनी रोजमर्रा की बातचीत में न जाने कितनी बार बोलते हैं, जिसका मतलब है कि अज्ञानी व्यक्ति गुणों से भरी चीजों की कदर नहीं करते.
इस मुहावरे के पीछे की कहानी बेहद सिंपल है, जिसके अनुसार इंसान जिस तरह से अदरक का स्वाद लेते हैं, बंदर नहीं ले सकते. इसी वजह से बंदर अदरक को सूंघने के तुरंत बाद ही फेंक देते हैं.
बंदर क्यों नहीं जानता अदरक का स्वाद
दिलचस्प बात है, शाकाहारी जानवर बंदर हर तरह के पेड़-पौधों को पहचान सकते हैं मगर अदरक के गुणों को पहचानने की उनकी क्षमता नहीं होती. अदरक के स्वाद को पहचानने की क्षमता मनुष्यों में होती है, बंदरों में नहीं.