सहरसा। बकरीद (ईद-उल-अज़हा) इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। अल्लाह के प्रति पूर्ण निष्ठा, समर्पण और बलिदान का प्रतीक सात जून को मनाया जाएगा। जिसको लेकर जमकर बकरे की खरीदारी की गई है।
इस वर्ष सलमान नामक बकरा 91 हजार में तो आमीर नामक बकरा 51 हजार तक में बिका।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेनी चाही। सपने में उनसे उनकी सबसे प्रिय चीज कुर्बान करने का हुक्म दिया। पैगंबर इब्राहिम को उनका बेटा इस्माइल सबसे प्रिय था। अल्लाह के हुक्म का पालन करते हुए, इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए।
जब इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर छुरी चलाई तो अल्लाह ने उनकी निष्ठा और समर्पण देखकर इस्माइल की जगह एक भेड़ (दुंबा) भेज दिया। इस प्रकार इस्माइल की जान बच गई। जिसके बाद हर साल बकरीद पर्व मनाया जाता है।