देहरादून/हरिद्वार/श्रीनगर (हर्षिता)
कभी शांत, सौम्य और संयम का प्रतीक कहे जाने वाले उत्तराखंड में बीते कुछ समय से गुस्से का पारा खतरनाक स्तर तक चढ़ा हुआ दिख रहा है। बात-बात पर बहस, विवाद और फिर हिंसा! छोटे-छोटे झगड़े अब लात-घूंसों, बंदूक और तलवार तक पहुंच रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्यों एक शांति प्रिय राज्य में आम लोग इतनी जल्दी हिंसक हो जा रहे हैं?
🔴 गाड़ी से कुचलने की कोशिश:
31 मई को देहरादून के रानीपोखरी में दो युवकों की बहस इतनी बढ़ी कि मामला मारपीट से होते हुए कार से कुचलने की कोशिश तक पहुंच गया। पूरा वाकया कैमरे में कैद हुआ और पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन यह घटना सोचने पर मजबूर करती है – इतनी जल्दी गुस्सा क्यों?
⚠️ ओवरटेक पर हाथापाई:
राजपुर रोड, देहरादून में 30 मई को एक हरियाणा के पर्यटक और स्थानीय व्यक्ति के बीच ओवरटेक करने को लेकर विवाद हुआ, जो सड़क पर खुलेआम मारपीट में बदल गया।
😡 मसूरी मॉल रोड पर युवक का तांडव:
8 जून को मसूरी में एक युवक ने सुरक्षा कर्मचारियों से उलझते हुए सड़क पर ही मारपीट शुरू कर दी, जब उसे मॉल रोड पर जाने से रोका गया।
👊 जाम में फंसी तो महिलाओं ने स्कूटी सवार को पीटा:
10 जून, हरिद्वार-रुड़की रोड पर ट्रैफिक जाम के दौरान स्कूटी सवार युवती को महिलाओं ने बीच सड़क पर ही पीट दिया। वजह? सिर्फ इतनी कि बहस हो गई थी।
🪓 तीन लीची तोड़ी, पेड़ से बांध कर पीटा:
भगवानपुर, हरिद्वार में एक युवक को सिर्फ इसलिए पेड़ से बांधकर पीटा गया क्योंकि उसने तीन लीची तोड़ ली थी। ये कोई मजाक नहीं, बल्कि एक सच है जो वायरल वीडियो के रूप में सामने आया।
🔫 गाड़ी पार्किंग को लेकर तानी बंदूक:
9 मई को हरिद्वार के रानीपुर मोड़ पर युवकों के बीच पार्किंग को लेकर विवाद इस हद तक पहुंच गया कि एक युवक ने बंदूक तान दी।
🗡️ तलवार लेकर पर्यटकों का हमला:
3 जून को श्रीनगर गढ़वाल में सिख श्रद्धालुओं ने तेज हॉर्न बजाने को लेकर हुए विवाद में तलवारें निकाल लीं और स्थानीय युवकों को दौड़ा लिया।
❓ आखिर क्यों इतना गुस्सा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसिक तनाव, ट्रैफिक, बढ़ती गर्मी, सोशल मीडिया का प्रभाव और तुरंत प्रतिक्रिया देने की आदत इस बढ़ते गुस्से की बड़ी वजहें हैं।
जहां एक तरफ उत्तराखंड टूरिज्म का ब्रांड बनता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय और बाहरी टकराव से प्रदेश की छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
📣 समाधान क्या है?
नागरिकों को संयम और संवाद की शिक्षा देनी होगी
ट्रैफिक और टूरिज्म मैनेजमेंट को और मजबूत बनाना होगा
पुलिस को संवेदनशील लेकिन सख्त बनना होगा
स्कूल-कॉलेजों में एंगर मैनेजमेंट पर खास फोकस जरूरी है
🧠 शांति की धरती पर क्यों छा रहा है क्रोध का अंधेरा?
इस सवाल का जवाब ढूंढना सिर्फ प्रशासन नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है।