देहरादून हर्षिता।11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून की पुलिस लाइन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने योग किया। कार्यक्रम में शामिल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मंत्री सुबोध उनियाल ने भी योग किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परपंरा का अमूल्य उपहार है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है बल्कि सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।’
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सरकार ने राज्य में देश की पहली योग नीति को लागू कर दिया है. उत्तराखंड राज्य को देवभूमि के साथ योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी बनाए जाने को लेकर आयुष विभाग ने योग पॉलिसी तैयार की थी. इस पर 28 मई 2025 को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई थी.
सीएम धामी ने आगे कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड से निकला योग आज संपूर्ण विश्व में अपनाया जा रहा है। आइए, हम सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ व संतुलित समाज के निर्माण में सहभागी बनें।’
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर लोगों में भारी उत्साह
जौलीग्रांट में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। जगह-जगह योग शिविर में भारी संख्या में लोग योग करने के लिए पहुंच रहे हैं। जौलीग्रांट, भानियावाला, रानीपोखरी, डोईवाला समिति पूरे क्षेत्र में योग दिवस पर लोग तड़के ही योग शिविरों में पहुंचे। जहां लोगों ने योग किया।
विदेशी भी सीख रहे अंजलि से योग के गुर
कर्णप्रयाग के विकासखंड के खगेली गांव की अंजलि कुंवर (28) योग को देश के साथ विदेशों में भी पहचान दिला रही हैं। अंजलि हर दिन ऑनलाइन 30 से अधिक विदेशी लोगों को योगाभ्यास कराती हैं। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक लोग प्रतिदिन ऑनलाइन अलग-अलग बैच में योग प्रशिक्षण लेते हैं।
देश की पहली योग नीति का उद्देश्य
- – उत्तराखंड योग नीति से जनता का स्वास्थ्य संवर्धन के साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा
- – योग नीति के तहत योग निदेशालय की स्थापना की जाएगी
- – योग नीति लागू होने के बाद देश के योग की आध्यात्मिक विरासत को संरक्षण मिलेगा।
- – योग संस्थानों के लिए नियम और दिशा-निर्देश बनाए जाएंगे
- – उत्तराखंड राज्य को योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करेगी।
- – उत्तराखंड राज्य को सशक्त और विकसित राज्य बनाने में इस नीति का सहयोग मिलेगा।
- – आम जनता, स्कूली बच्चों एवं कॉलेज में लाइव योग का प्रसारण किया जाएगा।
- – शिक्षा में योग का एकीकरण होगा।
- – योग ध्यान केंद्रों को बढ़ावा मिलने के साथ ही विकास मिलेगा।
- – योग एवं आध्यात्म में रिसर्च को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- – उत्तराखंड योग नीति के तहत योग को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
- – होटल, रिसोर्ट, होमस्टे, स्कूल, कॉलेज और कॉरपोरेट सेक्टर में योग सत्र चलाए जाएंगे।
- – उत्तराखंड में योग, आध्यात्म और पर्यटन का भी विकास होगा।
- – योग नीति के तहत योग प्रशिक्षक केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- – योग प्रशिक्षित का रजिस्ट्रेशन और योग संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलप किया जाएगा।
- – स्कूलों में योग पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
- – योग नीति से प्रदेश के 13 हज़ार लोगों को योग प्रशिक्षक, योग अनुदेशक के रूप में लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड राज्य में आज 21 जून 2025 को योग नीति लागू होने के बाद अब योग नीति के संचालन, नियम बनाने एवं लागू करवाने, अनुदान देने और तमाम विभागीय गतिविधियों की निगरानी करने के लिए “योग निदेशालय” बनाया जाएगा