देहरादून/चमोली हर्षिता।: इस साल मॉनसून ने उत्तराखंड को कई ऐसे जख्म दिए हैं, जो शायद ही कभी भर पाएंगे. चमोली जिले में बीते दिनों आई आपदा ने इंसानी जिंदगियों को झकझोर कर रख दिया है. पहाड़ों की खूबसूरती के बीच बसे गांव अब खामोशी और मातम में डूबे हुए हैं. चारों तरफ तबाही का मंजर हैं. हर आंख नम है और हर दिल डरा हुआ. चमोली के रेस्क्यू अभियान में लगातार शव मिल रहे हैं. लेकिन इस बीच एक तस्वीर ने सभी को रुला दिया है.
दरअसल, चमोली शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर कुंतरी लगा फाली गांव में आपदा के बाद कई लोग अब तक लापता हैं. रेस्क्यू टीमें दिन रात मलबा हटाने और लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं. ग्रामीण भी पूरी ताकत से खोजबीन में लगे हैं. इसी तलाश के बीच शुक्रवार (19 सितंबर) को उम्मीद की किरण तब जगी थी जब 16 घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से एक व्यक्ति को जीवित निकला गया था. व्यक्ति का नाम कुंवर सिंह है. कुंवर के सकुशल रेस्क्यू के बाद रेस्क्यू टीमें उसके परिवार को खोजने में लगी थी जो मकान के अंदर मलबे में दबे थे.इसी खोजबीन के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसे जिसने भी देखा उसका कलेजा फट गया. कुंवर सिंह की पत्नी कांता देवी (38) और उनके 10 साल के जुड़वां बेटे अब इस दुनिया में नहीं रहे. ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जब रेस्क्यू टीम कुंवर सिंह के मकान के अंदर पहुंची तो वहां का मंजर देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं, क्योंकि कांता देवी अपने दोनों बेटों (विशाल और विकास) को सीने से कसकर लगाए हुए मलबे में दबी हुई थीं. मानों आखिरी सांस तक मां ने अपने बच्चों को बचाने की कोशिश की हो, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. कांता देवी के पति कुंवर सिंह को तो रेस्क्यू टीम ने 16 घंटे बाद मलबे से जीवित निकाल लिया लेकिन उनकी पत्नी-बच्चे इस आपदा में नहीं बच सके.
संगीता देवी की कहानी भी आपको रुला देगी: इसी गांव की संगीता देवी की कहानी भी कम दर्दनाक नहीं है. कुछ साल पहले उन्होंने अपने पति को खो दिया था. अब इस आपदा ने उनका आशियाना भी छीन लिया. वो अपनी छोटी बेटी के साथ गांव में रहकर खेतीबाड़ी से गुजारा करती थीं. अब घर की नींव तक मलबे में समा चुकी है.
संगीता का कहना है कि उन्होंने जिंदगी से कभी उम्मीद नहीं छोड़ी, लेकिन इस बार हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया. इस हृदय विदारक स्थिति को देखकर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गांव पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.